देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने करीब एक साल के अंतराल के बाद फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। विमानन कंपनियों ने महामारी के असर से पार पाने के लिए भर्तियां बंद कर दी थीं और हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। इस तरह इंडिगो विश्व की पहली ऐसी विमान कंपनी बन गई है, जिसने महामारी के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। हवाई यात्रा कोरोनावायरस की सबसे अधिक मार पडऩे वाले क्षेत्रों में से एक है, जिसमें कई हजार लोगों की नौकरियां चली गईं। इस विमानन कंपनी ने हवाई यात्रा पर प्रतिबंधों के बाद अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को हटाया था।
इंडिगो के सीईओ रणजय दत्ता ने धीरे-धीरे सुधार का संकेत देते हुए दिसंबर में कहा था कि कंपनी जल्द ही फिर से भर्तियां शुरू कर सकती है। दत्ता ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को बताया था, ‘बुरा दौर पीछे छूट चुका है और हम विशेष रूप से घरेलू बाजार में अच्छा सुधार दर्ज कर रहे हैं।’
भर्ती योजनाओं के बारे में जानकार रखने वाले कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि विमानन कंपनी ने एटीआर-72 बेड़े के लिए करीब 32 पायलटों को ऑफर लैटर दिए हैं। इंडिगो ने 25 एटीआर-72 विमानों की अगली खेप की डिलिवरी की पुष्टि की है। यह इस कैलेंडर वर्ष के आखिर तक करीब 10 विमानों को अपने बेड़े में शामिल कर लेगी। इससे यह देश में सबसे बड़े विमानों के बेड़े की परिचालक बन जाएगी। कंपनी ने 2017 में 50 एटीआर-72-600 विमान खरीदने के लिए शर्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अग्रिम योजना बनाना चाहते हैं। इस साल एटीआर-72 विमानों को बेड़े में शामिल किया जाएगा, इसलिए हमें पायलट तैयार रखने होंगे।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ने उन पायलटों को वरीयता दी है, जिन्हें महामारी से पहले दिसंबर, 2019 में कंपनी से जुुडऩे के लिए ऑफर मिला था। लेकिन उन्हें कोविड-19 के असर की वजह से नौकरी पर नहीं रखा गया था। उन्होंने कहा कि कंपनी वेतन के बिल कम करने के लिए बाहरी के बजाय भारतीय पायलटों की नियुक्तियों को तरजीह देगी।
हालांकि विमानन कंपनी के एयरबस ए320 विमानों के लिए नियुक्तियां शुरू नहीं करने के आसार हैं, जो उसके बेड़े का आधार है। हालांकि इंडिगो ने वर्ष 2020 में करीब 44 विमान अपने बेड़े में शामिल किए थे, जो दुनिया भर में किसी कंपनी की सबसे अधिक संख्या थी। हालांकि इन विमानों को पुराने विमानों की जगह लाया गया था। कार्याधिकारी ने कहा, ‘हमें ए320 विमानों के लिए पायलटों की तत्काल कोई आवश्यकता नजर नहीं आ रही है क्योंकि बेड़े का आकार पहले जितना ही रहेगा।’ इंडिगो के प्रवक्ता ने नियुक्ति योजनाओं के बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया।
भारत ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले साल मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन इस कदम से विमानन कंपनियों पर तगड़ी चोट पड़ी क्योंकि उनका परिचालन करीब दो महीने तक रुका रहा। विमानन कंपनियों को वेतन में भारी कटौती, कर्मचारियों को बिना वेतन के अवकाश पर भेजने या कर्मचारियों के अनुबंधों को खत्म करने जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार की तरफ से संसद में मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक महामारी के कारण पिछले साल गर्मियों में विमानन क्षेत्र में 39,000 नौकरियां गईं।