facebookmetapixel
Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे महंगाई डेटा और तिमाही नतीजेMCap: टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप में भारी गिरावट, Airtel-TCS सबसे ज्यादा प्रभावितथाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदी

अमेरिका में दवा की किल्लत से भारतीय कंपनियों को मिलेगा फायदा

अमेरिका में दवा की ऐसी किल्लत है जो पहले कभी नहीं देखी गई, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गया

Last Updated- June 19, 2023 | 9:21 PM IST
medicines

अमेरिका में इस समय दवा की ऐसी किल्लत है जो पहले कभी नहीं देखी गई। इस वजह से दवाइयों की कीमतों में गिरावट स्थिर हो गई है। विश्लेषकों के अनुसार इससे भारतीय दवा कंपनियों को फायदा हो सकता है।

नुवामा रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी कीमतों में गिरावट अपने पुराने स्तर 6 से 8 फीसदी पर पहुंच गई है और स्टॉक कम होकर मात्रा बढ़ रही है।

इसी तरह आईसीआईसीआई डायरेक्ट विश्लेषक ने कहा, ‘कीमतों में गिरावट अब एक अंक तक रह गई है और आशंका है कि इसमें कुछ हद तक और कमी आएगी क्योंकि भारतीय कंपनियों को अमेरिका की कुछ दिवालिया हो चुकीं जेनरिक कंपनियों के मैदान से बाहर निकलने का भी फायदा मिलेगा और उनके कुछ विशेष उत्पादों की रफ्तार भी बढ़ेगी।’

अरविंदो फार्मा के मुख्य कार्याधिकारी (उत्तरी अमेरिका) स्वामी अय्यर ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही की अर्निंग कॉल में कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तीन तिमाहियों में कीमतों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘चौथी तिमाही कहीं न कहीं स्थिर है और हम निरंतरता देख रहे हैं।’ कंपनियों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में एक अंक में कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी।

जायडस लाइफसाइंसेज को मोरैया संयंत्र के लिए मंजूरी मिल गई है और अब कंपनी अमेरिका को आपूर्ति बढ़ा सकती है। कंपनी के प्रबंध निदेशक शर्विल पटेल ने चौथी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि कंपनी एक अंक में कीमतों में गिरावट के लिए तैयार थी।

पटेल ने कहा, ‘हम एक अंक में कीमतों में गिरावट देख रहे हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2024 में हमें ऐसा होने की उम्मीद हैं। स्पष्ट है कि पिछली तिमाही में हमें कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, पोर्टफोलियो और प्रतिस्पर्धा को जानते हुए हम सतर्क हैं। हमें लगता है कि एक से डेढ़ अंकों में कीमतें गिरेंगी।’ इसके अलावा अमेरिका में दवाइयों की किल्लत भारत में दवा बनाने वालों के लिए एक अच्छा अवसर है।

अरबिंदो की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी यूगिया फार्मा के मुख्य कार्याधिकारी युगंधर पुवाला ने कहा कि यह अच्छे स्तर पर था क्योंकि पिछली दो तिमाहियों में कीमतों में गिरावट लगभग नगण्य रही।

पुवाला ने अर्निंग कॉल के दौरान कहा, ‘दुर्भाग्य से अमेरिका में दवाइयों की किल्लत सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और नए उत्पादों को लॉन्च करने से हमें व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

हाल के वर्षों में अमेरिका दवा की सबसे भीषण किल्लत का सामना कर रहा है। यह इतना गंभीर है कि इसने व्हाइट हाउस और कांग्रेस का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। कैंसर की दवाइयों में भीषण किल्लत देखी जा रही है। स्तन कैंसर, ब्लैडर और ओवरी कैंसर के कीमोथेरेपी में उपयोग होने वाली दवाइयों की कमी देखी जा रही है।

अमेरिका अपनी अधिकांश दवाइयां भारत और चीन से आयात करता है। खबरों के मुताबिक अमेरिका अपनी आपूर्ति श्रृंखला की भी जांच कर रहा है क्योंकि दवाइयों किल्लत राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गया है।

First Published - June 19, 2023 | 8:23 PM IST

संबंधित पोस्ट