फिनटेक क्षेत्र ने नई दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ के दौरान नए स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ-एफटी) इंडिया फिनटेक फाउंडेशन (आईएफएफ) की घोषणा की। इस फाउंडेशन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी साई सुधा चंद्रशेखरन को नियुक्त किया गया। वे वाणिज्य मंत्रालय के तहत एफडीआई (एपीएसी) की पूर्व प्रमुख हैं।
इंडिया फिनटेक फाउंडेशन के चेयरमैन एनएस विश्वनाथन ने कहा, ‘यदि नवोन्मेष को उत्तरदायी नहीं बनाया गया तो यह दुर्घटना को बढ़ावा देगा। लिहाजा यह आवश्यक है कि जो भी नवोन्मेष हो, वह उत्तरदायी हो। ऐसे में एसआरओ एक बेहद जिम्मेदारी वाली भूमिका निभाता है। संगठन के मौजूदा बोर्ड में लेंडिंगकार्ट, जुपिटर, फाई मनी, वनकार्ड जैसी फिनटेक कंपनियों के संस्थापक व नियामकीय निकायों व बैंकों के सदस्य हैं। अभी भारतीय फिनटेक फाउंडेशन में 100 से अधिक सदस्य हैं। इस अवसर पर जी 20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, ‘हमने नवोन्मेष किया है और यह हमारे खून में है। हमें इसे जिम्मेदाराना ढंग से करना है।’
दरअसल एसआरओ एक गैर सरकारी संगठन है। एसआरओ उद्योग मानकों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अनुपालन लागू करते हैं तथा नियामकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच सेतु का काम करते हैं।
नए प्रस्तावित एसआरओ-एफटी की घोषणा उस समय की गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अन्य निकाय, फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफएसीई) को इस बढ़ते क्षेत्र के लिए एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता दी है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पिछले महीने बताया था कि फिनटेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य एसआरओ-एफटी डिजिटल लैंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई) स्वयं को एकीकृत फिनटेक फोरम के रूप में फिर से पुन: ब्रांडिंग की प्रक्रिया में है। वित्त मंत्रालय के आकंड़ों के मुताबिक भारत में 10,244 फिनटेक इकाइयां हैं।
मार्केट इंटेलिजेंस फ्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के अनुसार भारत के फिनटेक क्षेत्र के लिए लगातार तीसरे साल धन जुटाने में कमी आई है। यह 2023 में जुटा गए 2.8 अरब डॉलर के धन जुटाने में 32 प्रतिशत कमी दर्शाता है। धन जुटाने के दौर (राउंड) भी आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। वर्ष 2023 में 324 दौर में धन जुटाया गया था जो 2024 में गिरकर 228 हो गया। इस क्षेत्र ने 2021 में सर्वाधिक 665 दौर में 8.3 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी।