भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी का असर कारोबारी गतिविधियों पर भी दिखना शुरू हो गया है। दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के कारण कनाडा स्थित टेक रिसोर्सेज का कोयला संयंत्र खरीदने की जेएसडब्ल्यू ग्रुप की योजना खटाई में पड़ गई है। इस कोयला संयंत्र का मूल्यांकन 8 अरब डॉलर तय हुआ था।
इस सौदे से वाकिफ एक बैंक अधिकारी ने कहा कि समूह इस कंपनी के अधिग्रहण के लिए आवश्यक रकम जुटाने के लिए यूरोप और जापान के बैंकों के साथ बातचीत कर रही थी। मगर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद बढ़ने के बाद कम से कम यह सौदा फिलहाल आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है।
इस अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद खड़ा होने के बीच यह अधिग्रहण योजना भले ही रद्द नहीं हुई हो मगर इसमें देरी तो जरूर हो गई है।’
जेएसडब्ल्यू समूह ने इस सौदे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस साल अगस्त में जेएसडब्ल्यू ग्रुप के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा था कि जेएसडब्ल्यू स्टील टेक रिसोर्सेज के मेटलर्जिकल (धातु कर्म) कोयला संयंत्र में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है।
जेएसडब्ल्यू अपनी तरफ से 2 अरब डॉलर का निवेश करने वाली थी और शेष रकम का इंतजाम वह अपने दूसरे साझेदारों से करने की योजना पर काम कर रही थी।
बैंक अधिकारी ने कहा कि इस सौदे के लिए कनाडा और भारत की सरकारों से कई स्तरों पर मंजूरी लेनी पड़ती मगर अब बदले हालात के कारण अनिश्चितता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को यह बात बिल्कुल रास नहीं आएगी।
इस अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देशों के संबंध कब सामान्य होंगे यह कोई नहीं जानता है और मौजूदा विवाद कौन सा करवट लेगा यह भी मालूम नहीं है। इसे देखते हुई सभी इस सौदे को लेकर उम्मीदें फिलहाल टूट गई हैं।’
जिंदल ने अगस्त में कहा था कि कनाडा की कंपनी अधिक गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उत्पादन कर रही है जो भारत में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा था कि यह बात जेएसडब्ल्यू के हक में जाएगी।
बैंक अधिकारी ने कहा कि मगर अब भारत और कनाडा के संबंध बिगड़ गए हैं जिसे देखते हुए जेएसडब्ल्यू अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार कर रही है।
जेएसडब्ल्यू 2030 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर सालाना 5 करोड़ टन करना चाहती है और इसके लिए जरूरी कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहती है। कंपनी एक विकल्प के रूप में ऑस्ट्रेलिया से अच्छी किस्म का कोयला मंगाने पर भी विचार कर रही है।
इस साल फरवरी में टेक रिसोर्सेस ने अपने कारोबार को दो अलग-अलग सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों- टेक मेटल्स कॉर्प और एल्क वैली रिसोर्सेस- में सूचीबद्ध करने की योजना का खुलासा किया था।
टेक रिसोर्सेस ने इस्पात तैयार करने के लिए जरूरी कोकिंग कोल संयंत्र को एल्क वैली रिसोर्सेस के तहत रखा है और कंपनी ने इसके लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।