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नवंबर में हवाई क्षेत्र में काफी पास आ गए थे इंडिगो के दो विमान

इस घटना में शामिल पायलटों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई या नहीं, इस संबंध में इंडिगो ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब नहीं दिया। 

Last Updated- February 18, 2024 | 11:34 PM IST
IndiGo will fly its first flight from Navi Mumbai Airport, will start with 18 flights to 15 cities

इंडिगो के दो ए321नियो विमान पिछले साल 17 नवंबर को दिल्ली हवाई अड्डे से प्रस्थान करने के तुरंत बाद हवाई क्षेत्र में खतरनाक तरीके से एक-दूसरे के करीब आ गए थे। इनमें से एक रायपुर और दूसरा हैदराबाद जा रहा था। 

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) वर्तमान में इस ‘गंभीर घटना’ की जांच कर रहा है। घटना से जुड़ी एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि निकटतम लंबवत दूरी (400 फुट) के समय पार्श्व दूरी 1.2 समुद्री मील (दो विमानों के बीच) थी। निकटतम पार्श्व दूरी (0.2 समुद्री मील) के समय लंबवत दूरी 800 फुट थी।

नियमों के अनुसार हवा में विमानों को कम से कम 1,000 फुट की लंबवत दूरी और उनके बीच कम से कम पांच समुद्री मील की पार्श्व दूरी बनाए रखनी चाहिए। इस घटना में शामिल पायलटों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई या नहीं, इस संबंध में इंडिगो ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब नहीं दिया। 

इसी तरह देश में हवाई यातायात नियंत्रण सेवाओं के लिए जिम्मेदार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने भी संबंधित हवाई यातायात नियंत्रक के खिलाफ की गई किसी भी कार्रवाई के संबंध में अखबार के सवालों का जवाब नहीं दिया।

एएआईबी की रिपोर्ट में इस घटना का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिगो का एक विमान ए321नियो विमान (पंजीकरण संख्या वीटी-आईयूओ), जो हैदराबाद जा रहा था, 17 नवंबर को दोपहर 12.31 बजे दिल्ली हवाई अड्डे के रनवे 27 से रवाना हुआ था। 

हवाई यातायात नियंत्रक ने इस विमान के पायलटों को अनुसरण करने के लिए एक विशिष्ट मार्ग दिया और उन्हें 8,000 फुट की ऊंचाई पर जाने के लिए कहा, लेकिन पायलट हवाई यातायात नियंत्रक द्वारा दिए गए विशिष्ट मार्ग का अनुसरण करने के बजाय दूसरे रनवे (29आर) के उड़ान भरने के मार्ग की तरफ बाईं ओर मुड़ गए।

उसी समय रायपुर जाने वाले इंडिगो के दूसरे विमान ए321नियो (पंजीकरण संख्या वीटी-आईएसओ) के पायलटों को हवाई यातायात नियंत्रक से रनवे 29आर से प्रस्थान करने की मंजूरी और विशिष्ट मार्ग (पहले वाले विमान के पायलटों को दिए गए मार्ग से अलग) दे दिया गया। दूसरे विमान ने रनवे 29आर से उड़ान भरी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिणामस्वरूप दोनों विमानों के बीच ‘दूरी का उल्लंघन’ हुआ जिससे दोनों विमानों में ट्रैफिक अलर्ट और टकराव से बचाने की प्रणाली (टीसीएएस) सक्रिय हो गई जिससे पायलटों को अलर्ट भेजा गया।

टीसीएएस विमान की सुरक्षा सुविधा होती है, जो पायलटों को आसपास के अन्य विमानों की उपस्थिति के बारे में बताकर हवा में टकराव रोकने में मदद करती है। 17 नवंबर को यह पूरी घटना एक मिनट से भी कम समय के भीतर घटी थी।

First Published - February 18, 2024 | 11:34 PM IST

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