करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये का भारतीय समूह आईनॉक्सजीएफएल अपने सभी कारोबारों में अक्षय ऊर्जा परिचालन में वित्त वर्ष 29 तक लगभग 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहा है। समूह के शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है। समूह का कारोबार रसायन, फ्लोरोपॉलिमर, रेफ्रिजरेंट, टर्बाइन और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में फैला हुआ है।
समूह के कार्यकारी निदेशक देवांश जैन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस पूरी निवेश योजना में अगले तीन वर्षों (2028-29 तक) के दौरान ऊर्जा परिवर्तन के समूचे पारिस्थितिकी तंत्र – जीएफसीलेव, आईनॉक्स क्लीन, आईनॉक्स नियो एनर्जीज, आईनॉक्स विंड और आईनॉक्स ग्रीन में करीब 50,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।’ जैन ने कहा, ‘संभावित रूप से एक रणनीतिक कार्यक्रम के बाद यह और भी ज्यादा हो सकता है। अलबत्ता उन्होंने इस रणनीतिक कार्यक्रम का उल्लेख नहीं किया।
कहा जा रहा है कि समूह आईनॉक्स क्लीन एनर्जी को सूचीबद्ध कराने के लिए 5,000 करोड़ के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर विचार कर रहा है। हालांकि जैन ने गोपनीयता का हवाला देते हुए इस पर टिप्पणी नहीं की। यह निवेश इसलिए खास है क्योंकि कंपनी का इरादा अपने समूह की कंपनियों में क्षमता बढ़ाना है। यह ऐसे समय किया जा रहा है, जब हाइब्रिड और चौबीसों घंटे चलने वाली बिजली परियोजनाएं रफ्तार पकड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह इरादा विकासोन्मुखी भी है।
हाइब्रिड बिजली परियोजनाएं समूची प्रणाली दक्षता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए दो या दो से अधिक ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन को संयुक्त करती हैं। इसके विपरीत 24 घंटे वाली बिजली परियोजनाओं को पूरे वर्ष हर वक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिहाज से बनाया जाता है। नब्बे से ज्यादा वर्षों की मौजूदगी के साथ आईनॉक्सजीएफएल ने पिछले डेढ़ वर्ष (जुलाई 2025 तक) के दौरान अक्षय ऊर्जा और रासायन कारोबारों में 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इस दौरान अक्षय ऊर्जा कारोबारों में 1,650 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
कंपनी का संभावित आईपीओ देश के निजी क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा का सबसे बड़ा प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम होने की उम्मीद है। एनटीपीसी की अक्षय ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी ग्रीन सार्वजनिक क्षेत्र की ऐसी पहली कंपनी थी जो करीब 10,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी।
जैन के अनुसार इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा इसकी स्वतंत्र बिजली उत्पादक शाखा – आईनॉक्स नियो एनर्जीज और आईनॉक्स सोलर के जरिये आईनॉक्स क्लीन एनर्जी कारोबार में किया जाएगा। इसके बाद एक बड़ा निवेश जीएफसीएल के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी रसायन कारोबार में किया जाएगा। शेष निवेश का एक छोटा-सा हिस्सा आईनॉक्स विंड (आईडब्ल्यूएल) और गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (जीएफएल) के बीच विभाजित किया जाएगा, जो बैटरी सामग्री के लिए उत्पाद विकसित करने वाली प्रमुख रसायन कंपनी है।
वर्तमान में आईनॉक्सजीएफएल समूह की कुल तीन कंपनियां – जीएफएल, आईडब्ल्यूएल (देश में पवन टर्बाइन की अग्रणी विनिर्माता) और आईनॉक्स ग्रीन (अक्षय ऊर्जा शाखा के परिचालन और रखरखाव (ओऐंडएम) वाली कंपनी) शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं।