मलेशियाई हेल्थकेयर कंपनी IHH Healthcare को आखिरकार सात साल की लंबी कानूनी और नियामकीय देरी के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद कंपनी अब Fortis Healthcare और Malar Hospitals में 26-26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अनिवार्य ओपन ऑफर ला सकेगी।
2018 में जब ओपन ऑफर की घोषणा हुई थी, तब फोर्टिस के शेयर की कीमत ₹170 तय की गई थी। उस हिसाब से पूरी डील लगभग ₹3,349 करोड़ की बनती थी। लेकिन अब हालात काफी बदल चुके हैं। शुक्रवार को फोर्टिस का शेयर ₹980.10 पर बंद हुआ, जिससे डील का आकार कई गुना बढ़ गया।
IHH की सब्सिडियरी Northern TK Venture (NTK) अब 235.29 मिलियन शेयर खरीदेगी। यह खरीद करीब ₹23,068 करोड़ की होगी।
इसके बाद नियमों के मुताबिक कंपनी को 197 मिलियन अतिरिक्त शेयरों के लिए भी ओपन ऑफर लाना होगा, जिसकी कीमत करीब ₹19,316 करोड़ बैठेगी।
इसी तरह फोर्टिस मालार हॉस्पिटल्स में भी कंपनी को 4.9 मिलियन शेयर यानी लगभग ₹32 करोड़ का ओपन ऑफर देना होगा।
IHH ने नवंबर 2018 में फोर्टिस में 31% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके बाद अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर होना था। लेकिन जापानी दवा कंपनी Daiichi Sankyo ने फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर और शिविंदर सिंह के खिलाफ अदालत में अवमानना याचिका दाखिल कर दी। इसके चलते डील कोर्ट में फंस गई।
दाइची का विवाद दरअसल Ranbaxy Laboratories की पुरानी डील से जुड़ा था, जिसने पूरे लेन-देन को अटका दिया।
इस साल मई में NTK ने टोक्यो कोर्ट में दाइची से करीब JPY 200 अरब (₹11,800 करोड़) का हर्जाना मांगा। कंपनी का आरोप है कि दाइची ने जानबूझकर ओपन ऑफर को रोककर उसे भारी नुकसान पहुंचाया।
IHH और NTK ने एक संयुक्त बयान में कहा, “जब NTK ओपन ऑफर को लागू करने की कोशिश कर रही थी, तब दाइची ने अनुचित तरीके से बाधा डाली और सौदा पूरा नहीं होने दिया, जिससे हमें बड़े वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा।”
यह ऐलान बाजार बंद होने के बाद किया गया। शुक्रवार को फोर्टिस का शेयर 0.95% गिरकर ₹980.10 पर बंद हुआ