आईडीएफसी फस्र्ट बैंक की होल्डिंग कंपनी और आईडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की प्रवर्तक आईडीएफसी का शेयर पिछले दो कारोबारी सत्र में 22 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया क्योंकि बाजार में खबर है कि होल्डिंग कंपनी निकट भविष्य में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी बेच सकती है। केआर चोकसी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने कहा, बाजार में खबर है कि आईडीएफसी फस्र्ट बैंक की अपनी हिस्सेदारी आईडीएफसी बेच सकती है क्योंंकि लॉक इन अवधि कुछ ही माह में समाप्त हो रही है। साथ ही यह शेयर आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। आईडीएफसी के लिए लॉक इन अवधि आईडीएफसी फस्र्ट बैंक में न्यूनतम 40 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए थी, जो 30 सितंबर 2020 को समाप्त हो रही है। पांच साल की लॉक इन अवधि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से साल 2013 में निजी क्षेत्र में नए बैंकों को लाइसेंसिंग के दिशानिर्देशों में तय की गई थी। लॉक इन अवधि 1 अक्टूबर 2015 को प्रभावी हुई जब बैंक ने परिचालन शुरू किया। हिस्सेदारी बिक्री चार लाख से ज्यादा खुदरा निवेशकों के लिए बेहतर हो सकती है, जो फायदे की उम्मीद में इस कंपनी के शेयरों में निवेशित हैं।