भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र अमेरिका में मंदी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना कर रहा है, ऐसे में उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि उद्योग के पास अच्छा खासा सौदा होने के बावजूद नियुक्ति की रफ्तार सुस्त रहेगी। इक्रा ने एक नोट में कहा है कि अगली दो से तीन तिमाहियों में नियुक्ति नरम रहने के आसार हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में नियुक्ति की रफ्तार मंद रहेगी। नियुक्तियों में नरमी हालांकि क्षेत्र में दर्ज हुई है, लेकिन कैंपस नियोक्ताओं को उम्मीद थी कि नियुक्ति के लिए कंपनियां कैंपस के बाहर का रुख अपनाएंगी।
इक्रा के नोट में कहा गया है, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही से वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के बीच इक्रा के नमूने में शामिल कंपनियों ने नियुक्तियों में शुद्ध रूप से 49,606 कर्मचारियों की कमी दर्ज की जबकि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही व वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही के बीच 2,45,248 कर्मियों की शुद्ध बढ़ोतरी हुई थी।
इसकी वजह यह है कि कंपनियों ने उतनी नियुक्ति नहीं की, जितने ने इस्तीफा दिया था और कमजोर मांग के माहौल के बीच कंपनियों ने कर्मचारियों के इस्तेमाल में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। पांच अग्रणी आईटी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 2.73 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति की थी और वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 94,400 कर्मियों की।
अमेरिका व यूरोप के प्रमुख बाजारों में अनिश्चित आर्थिक माहौल के कारण इक्रा का अनुमान है कि भारतीय आईटी सेवा उद्योग का राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 24 में नरम होकर 3-5 फीसदी रह जाएगी।