मतदान सलाहकार फर्मों स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) और इनगवर्न ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को असूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव के हक में मतदान की सिफारिश की है। इनगवर्न ने कहा है कि असूचीबद्ध होने से ब्रोकरेज फर्म के शेयरधारकों को आईसीआईसीआई बैंक के शेयर के जरिये बढ़ी नकदी और बेहतर प्राइस डिस्कवरी से लाभ मिलेगा।
वहीं एसईएस ने कंपनी के इस तर्क से सहमति जताई है कि अगर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज अलग से सूचीबद्ध रहेगी तो बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नियामकीय माहौल का कारोबार पर विपरीत असर पड़ेगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज बाजार नियामक सेबी के नए प्रावधान का इस्तेमाल करने वाली पहली कंपनी है, जो सूचीबद्ध पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक की असूचीबद्धता के लिए सख्त रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया से छूट देता है।
हालांकि असूचीबद्धता के प्रस्ताव पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आम शेयरधारकों के मतदान की दरकार होगी और यह विरोध वाले मत से कम से कम दोगुने होने चाहिए।
साथ ही मूल कंपनी आईसीआईसीआई बैंक को अपने आम शेयरधारकों से इस योजना की मंजूरी के लिए सामान्य बहुमत की दरकार होगी। योजना के तहत आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आम शेयरधारकों को हर 100 शेयरों के बदले आईसीआईसीआई बैंक के 67 शेयर मिलेंगे।
अगर असूचीबद्धता कामयाब रहती है तो आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज छह साल बाद एक बार फिर आईसीआईसीआई बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक बन जाएगी। शेयरधारकों को 22 मार्च से 27 मार्च के बीच मतदान की इजाजत मिलेगी।
इनगवर्न ने अपने नोट में कहा है कि परिसंपत्ति प्रबंधन, ब्रोकिंग सेवाओं और बैंकिंग सेवाओं को एकीकृत करने की अनिवार्य रणनीति के साथ संयुक्त इकाई वृद्धि व लाभ को आगे ले जाएगी। निवेशकों को विशाखित कारोबार वाले पोर्टफोलियो में हिस्सा मिलेगा। एकीकरण से राजस्व व लागत को लेकर भी फायदा मिलेगा।
एसईएस के नोट में भी कहा गया है कि उसने मूल्यांकन को लेकर किसी अहम चिंता की पहचान नहीं की है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने रिवर्स बुक बिल्डिंग का विकल्प क्यों नहीं चुना, प्रॉक्सी एडवाइजर ने कहा कि असूचीबद्धता का मामला बहुत बड़ा नहीं है क्योंकि मौजूदा शेयरधारकों का मौजूदा कारोबार में स्वामित्व बना रहेगा।