हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HUDCO) ने 4 अप्रैल 2025 को एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए उधार लेने की राशि को 65,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपनी कुल उधार सीमा को 1.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। हालांकि, इस फैसले को लागू करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होगी। HUDCO ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया।
इस बड़े कदम के बावजूद, HUDCO के शेयरों में 4 अप्रैल को लगभग 4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यह गिरावट बाजार में आई आम कमजोरी की वजह से थी, जिसका कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित पारस्परिक टैरिफ को माना जा रहा है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय नीतियों का असर भारतीय कंपनियों पर भी पड़ता है।
HUDCO ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह 2,000 करोड़ रुपये नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCDs) के जरिए जुटाएगी। यह राशि निजी प्लेसमेंट के आधार पर इकट्ठा की जाएगी और इसमें 7.19 प्रतिशत की ब्याज दर होगी। कंपनी ने 27 मार्च को कहा था कि इसके लिए बॉन्ड अलॉटमेंट कमेटी ने मंजूरी दे दी है। ये बॉन्ड असुरक्षित, कर योग्य और गैर-संचयी (non-cumulative) होंगे, जिनका मूल्य 1 लाख रुपये प्रति बॉन्ड होगा।
HUDCO का कहना है कि वह बड़े प्रोजेक्ट्स को अकेले फंड करने में सक्षम नहीं रही है और कई बार उसे दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर काम करना पड़ा है। लेकिन कंपनी अकेले काम करना पसंद करती है ताकि वह अपने नियम और निगरानी ढांचे को लागू कर सके। साथ ही, उधार की राशि को प्रोजेक्ट की अवधि के दौरान बेहतर तरीके से संभाल सके।
पिछले कुछ समय में HUDCO का प्रदर्शन शानदार रहा है। दिसंबर तिमाही में कंपनी ने FY25 के लिए उधार सीमा को 40,000 करोड़ से बढ़ाकर 55,000 करोड़ रुपये किया था, जिसकी वजह कारोबार में बड़ी बढ़ोतरी थी। 31 मार्च 2025 को HUDCO ने बताया कि FY25 में उसके लोन वितरण में 123 प्रतिशत की उछाल आई और यह 40,037 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, लोन मंजूरी 55 प्रतिशत बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने इसे अपनी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।