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डेरिवेटिव्स का चक्रव्यूह भेद मुनाफा ले गई एचडीएफसी

Last Updated- December 06, 2022 | 9:02 PM IST

डेरिवेटिव्स कारोबार के भंवर में फंसकर ‘त्राहिमाम’ कर रही कंपनियों और बैंकों के बीच इस हफ्ते हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) ने जबर्दस्त नतीजे दिए।


कंपनी ने मार्क टु मार्केट (एमटीएम) डेरिवेटिव्स में 293.59 करोड़ रुपये के मुनाफे की खबर क्या दी, वह सुर्खियों में छा गई। एचडीएफसी ने मुद्रा विनिमय और ब्याज दरों के विनिमय में यह मुनाफा हासिल किया।


कंपनी ने विदेशी मुद्रा में तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये के कर्ज दिए हैं और उन पर होने वाले एमटीएम मुनाफे की तो अभी बात ही नहीं की गई है।कंपनी की यह उपलब्धि कहीं से भी कमतर नहीं है क्योंकि डेरिवेटिव्स के मैदान में दिग्गज कंपनियां भी चित हो रही हैं। यह शब्द ही कितना बड़ा हौवा बन गया है, इसका अंदाजा कुछ कंपनियों को मिली पटखनी से लगाया जा सकता है।


भारती एयरटेल को एमटीएम कारोबार में 204.50 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है। इसके अलावा केपीआईटी कमिंस को इसमें 89.27 करोड़, एक्सिस बैंक को 71.97 करोड़, मारुति सुजुकी इंडिया को 50.48 करोड़ और इन्फोसिस को 28 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। हालांकि एचडीएफसी को शेयर बाजार में इसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ, लेकिन उसकी साख बढ़ी।


एचडीएफसी ने पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में भी अच्छे नतीजे दिए। कंपनी के मुनाफे में वित्त वर्ष 2006-07 के मुकाबले 39.64 फीसद का जबर्दस्त इजाफा हुआ। इसी वजह से शुद्ध मुनाफे का आंकड़ा 768.12 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि साल भर पहले यही आंकड़ा महज 550.05 करोड़ रुपये था।


हालांकि इस मुनाफे में एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस की हिस्सेदारी बिक्री का भी बड़ा हाथ है। कंपनी ने इसमें से 26 फीसद हिस्सेदारी बेच दी, जिससे मुनाफा 202.07 करोड़ रुपये बढ़ गया।


हालांकि कंपनी ने एमटीएम मुनाफे को इसमें शामिल नहीं किया। लेकिन उसके प्रबंध निदेशक केकी मिस्त्री ने यह जरूर कहा कि बाजार में फैली अफवाहों के मद्देनजर आंकड़ों का ऐलान जरूरी था। दरअसल मॉर्गन स्टैनली ने भी एचडीएफसी की वित्तीय मजबूती पर मार्च में सवालिया निशान लगा दिया था।


वैसे ब्याज दरों में इजाफे और ग्राहकों की बेरुखी के कारण ज्यादातर बैंक खास तौर पर सार्वजनिक बैंकों के खजाने में सेंध लग रही है। वित्तीय कंपनियों को भी मुनाफे में कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में एचडीएफसी के मुनाफे में अच्छी खासी बढ़ोतरी काबिल-ए-तारीफ है।


जानकारों के मुताबिक कंपनी के मजबूत आधार के कारण ऐसा हो रहा है। हाल ही में रिजर्व बैंक ने 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर रिस्क वेटेज कम किया है, जिससे होम लोन लेने वालों की तादाद बढ़ेगी। एचडीएफसी का पलड़ा इस मामले में भी भारी रहने की उम्मीद है यानी उसके मुनाफे में आगे भी बढ़ोतरी हो सकती है।


एचडीएफसी की बुनियाद 31 साल पहले 1977 में रखी गई थी, जिसका मकसद घर के लिए लोन देना था। 10 करोड़ रुपये की आरंभिक पूंजी से शुरू की गई कंपनी का कारोबारी दायरा बहुत बढ़ गया। इसकी सहायक कंपनियां एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी म्युचुअल फंड, एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी सेल्स, एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस आदि हैं।

First Published - May 3, 2008 | 12:58 AM IST

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