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एचडीएफसी का कर पूर्व लाभ घटा

Last Updated- December 15, 2022 | 4:03 AM IST

हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) का कर पूर्व लाभ जून में समाप्त पहली तिमाही में 3,607 करोड़ रुपये रहा, जो कोविड संबंधी अनिश्चितता आदि के लिए अतिरिक्त प्रावधान के कारण 9.5 फीसदी कम है। इन आंकड़ों की सालाना आधार पर तुलना नहीं हो सकती क्योंंकि लेनदार के कर पूर्व लाभ में जीवन बीमा सहायक की हिस्सेदारी बिक्री से मिली रकम, लाभांश आय आदि जुड़ी है।
इन चीजों को समायोजित करने के बाद जून तिमाही में लेनदार का कर पूर्व लाभ 3,265 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 2,684 करोड़ रुपये के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा है। एचडीएफसी का शुद्ध लाभ हालांकि इस अवधि में 4.73 फीसदी की गिरावट के साथ 3,051.52 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,203.10 करोड़ रुपये था।
लेनदार की शुद्ध ब्याज आय पहली तिमाही में 3,392 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,079 करोड़ रुपये रही थी। लेकिन नकदी के उच्चस्तर, इक्विटी निवेश आदि को ध्यान में रखें तो शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 17 फीसदी बढ़कर 3,609 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.1 फीसदी रहा, जो 2 आधार अंक कम है।
लेनदार ने कोविड के लिए तिमाही में 404 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया और मानक परिसंपत्तियों के लिए कुल प्रावधान 1,199 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
लेनदार का सकल एनपीए 12 आधार अंक घटकर 1.87 फीसदी रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1.99 फीसदी था। वैयक्तिक कर्ज पोर्टफोलियो में एनपीए 0.92 फीसदी रहा, जो मार्च, 2020 के 0.95 फीसदी के मुकाबले 3 आधार अंक कम है और गैर-वैयक्तिक पोर्टफोलियो में एनपीए 61 आधार अंक घटकर 4.10 फीसदी रहा।
बैंक के वैयक्तिक कर्ज पोर्टफोलियो का 16.6 फीसदी और कॉरपोरेट खाते का 22.4 फीसदी अभी मोरेटोरियम के दायरे में है। लेनदार की लोनबुक का करीब 26 फीसदी पहले मोरेटोरियम के दायरे में था, जिसमें से 22.6 फीसदी वैयक्तिक कर्ज और 27 फीसदी कॉरपोरेट खातों का था।
लेनदार की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 12 फीसदी बढ़कर 5.31 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
वाणिज्यिक रिटल एस्टेट की मांग पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि लोग घर से काम करने का विकल्प चुन रहे हैं?  43वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारिख ने कहा, कई बड़ी कंपनियों ने इस अवधि में वास्तव में पट्टे पर वाणिज्यिक परिसंपत्तियां ली हैं या अधिग्रहण किया है और यह बेंगलूरु व हैदराबाद में हुआ है। उन्होंने कहा, वेयरहाउसिंग, ई-कॉमर्स कंपनियों व क्लाउड और डेटा सेंटर पाक्र्स जैसे नए क्षेत्रों से रियल एस्टेट की मांग है क्योंकि वे अपने डेटा स्टोरेज क्षमता में इजाफा करना चाहते हैं।

First Published - July 31, 2020 | 12:27 AM IST

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