अमेरिका केंद्रित हैदराबाद की दवा कंपनी ग्रैन्यूल्स इंडिया को उम्मीद है कि हैदराबाद के गगिल्लापुर संयंत्र में बनने वाली उसकी नई दवा के आवेदन को अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आसपास मंजूरी मिल सकती है। यह संयंत्र अमेरिकी औषधि नियामक (यूएसएफडीए) की जांच निगरानी में है।
अमेरिकी नियामक ने गगिल्लापुर संयंत्र का हाल में निरीक्षण किया था और इसके बाद उसे ऑफिशियल ऐक्शन इंडिकेटेड (ओएआई) श्रेणी में रखा। ओएआई का मतलब है कि यूएसएफडीए के बताए मसलों को दूर करने के उपायों में कमी है।
कंपनी ने यूएसएफडीए की राय के बाद संभावित जोखिम का फिर से आकलन करने के लिए सितंबर में गगिल्लापुर संयंत्र में उत्पादन रोक दिया था। अक्टूबर में धीरे-धीरे उत्पादन चरणों में शुरू किया गया था। ओएआई के साथ ग्रैन्यूल्स ने मंजूरीशुदा उत्पादों की आपूर्ति जारी रखी है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में ग्रैन्यूल्स इंडिया की कार्यकारी निदेशक प्रियंका चिगुरुपति ने कहा कि संक्षिप्त नए दवा आवेदन (एएनडीए) को चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही) अथवा अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (वित्त वर्ष 2026) तक मंजूरी मिल सकती है।
आंतरिक तौर पर हम सबकुछ सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘फिर से होने वाले निरीक्षण के साथ हमारा मानना है कि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एएनडीए को मंजूरी मिल जानी चाहिए।’