कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट में गतिविधियां जोर पकड़ने के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों (PSU) के कॉरपोरेट मार्केट में निवेश करने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले पीएसयू यह कदम उठाएंगी।
सरकारी कंपनी पॉवर फाइनैंस कॉरपोरेशन (PFC) की योजना मंगलवार को 2 वर्ष 20 दिन की परिपक्वता की अवधि वाले बॉन्ड से 3,500 करोड़ रुपये तक जुटाने की उम्मीद है। इसके अलावा नैशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर ऐंड रूरल डेवलपमेंट की 3 वर्ष 3 माह व 25 दिन की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड से इस सप्ताह 7000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना है।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की योजना गुरुवार को 10 माह की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड से 600 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना है। इस तिमाही वैश्विक अनिश्चितता और कमजोर निवेश रुझानों के कारण पीएसयू सहित कई बॉन्ड जारी करने वालों ने दूरी बनाए रखी। हालांकि कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट दो माह की सुस्त गतिविधि के बाद सुधार के संकेत प्रदर्शित कर रही है। प्रमुख उधार लेने वाले जुलाई और अगस्त में सुस्त रहने के बाद वापसी कर रहे हैं। यह प्राथमिक मार्केट के जारी करने में मजबूती का संकेत है।
भारत की कंपनियों ने इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में ऋण के जरिए 4.07 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। हालांकि सरकारी और राज्य बॉन्ड की भारी आपूर्ति रही लेकिन दीर्घावधि, उच्च गुणवत्ता वाले पीएसयू व एएए रेटिड कॉरपोरेट बॉन्ड की कमी रही है। इसने संस्थाओं जैसे बीमा कंपनियों व पेंशन कोषों की जबरदस्त मांग का सृजन किया है जिन्हें ऐसे बॉन्ड की दीर्घावधि उत्तरदायित्वों के लिए जरूरत होती है।