बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बेंगलुरु की प्रमुख कंपनी जीएमआर तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की काकीनाड़ा रिफाइनरी खरीदेगी। इस रिफाइनरी के साथ पास ही ओएनजीसी का पेट्रोकैमिकल संयंत्र भी है।
ओएनजीसी ने इस परियोजना को लाभकारी बनाने के लिए आंध्र प्रदेश की सरकार से 16,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी थी। लेकिन राज्य सरकार ने ओएनजीसी को यह वित्तीय सहायता देने से साफ मना कर दिया।
ओएनजीसी ने सितंबर 2006 में आंध्र सरकार के साथ इस रिफाइनरी को लगाने के लिए समझौता कि या था। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यह हमारे लिए एक गैर मुनाफे वाली परियोजना होती। इसीलिए हम इस परियोजना से अलग हो रहे हैं।’
हालांकि जीएमआर के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक जीएमआर को इस बारे में आधिकारिक तौर पर काई सूचना नहीं मिली है। जीएमआर इस रिफाइनरी के लिए कितने रुपये खर्च करेगी इस बात का खुलासा दोनों में से किसी भी कंपनी ने नहीं किया।
ओएनजीसी के अधिकारी ने कहा, ‘रिफाइनरी हमारा कारोबार नहीं है। हम अपना ध्यान तेल के उत्खनन और उत्पादन पर ही देंगे।’ उन्होंने बताया, ‘राज्य सरकार हमें छूट देने के लिए तैयार नहीं थी और हम बिना इस छूट के इस परियोजना को शुरू नहीं कर सकते थे। राज्य सरकार चाहती थी कि हम इस परियोजना से हट जाएं तो हम हट गए।’
शुरुआती दौर के अध्ययनों में ही पता चल गया था कि यह रिफाइनरी कंपनी के लिए गैर लाभकारी होगी। लेकिन मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा को इस रिफाइनरी को काकीनाड़ा में ही स्थापित करने के लिए मनाया था।