भारतीय फार्मा और अनुसंधान के लिए इसे एक उल्लेखनीय सौदा माना जा सकता है। न्यूयॉर्क की इचनोस ग्लेनमार्क इनोवेशन इंक (आईजीआई) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आईजीआई थेरेप्यूटिक्स एसए ने अमेरिका की एबवी के साथ विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है। यह करार ऑन्कोलॉजी और ऑटोइम्यून रोगों के उपचार के तहत आईएसबी 2001 के लिए किया गया है। इसके तहत 70 करोड़ डॉलर (6,000 करोड़ रुपये) का अग्रिम भुगतान और 1.2 अरब डॉलर (करीब 10,000 करोड़ रुपये) तक का माइलस्टोन-आधारित भुगतान शामिल है।
आईएसबी 2001 को आईजीआई के स्वामित्व वाले बीट प्रोटीन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके तैयार किया गया है जिससे ऑन्कोलॉजी और ऑटोइम्यून रोगों का उपचार हो सकेगा। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जुलाई 2023 में आईएसबी 2001 को ऑर्फन ड्रग का दर्जा दिया था और मई में रिलैप्स या रिफ्रैक्टरी मायलोमा रोगियों के उपचार के लिए इसे फास्ट-ट्रैक का दर्जा मिला था।
पिछले तीन महीनों में ग्लेनमार्क के शेयर में 38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और गुरुवार को यह 1,919 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। एबवी को उत्तर अमेरिका, यूरोप, जापान और ग्रेटर चीन में आईएसबी 2001 के विकास, निर्माण और बिक्री का विशेष अधिकार होगा।
आईजीआई मुंबई मुख्यालय वाली ग्लेनमार्क की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ग्लेन सलदान्हा ने कहा कि यह सौदा भारत को विश्व मानचित्र पर जगह दिलाएगा। सलदान्हा ने कहा कि आईजीआई का लक्ष्य आईपीओ लाना है, हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी तय नहीं है।