एयर इंडिया (Air India) के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन (Air India CEO) ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारा के साथ एयरलाइन के प्रस्तावित विलय के बारे में ज्यादा जानकारी मांगने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) का नोटिस ‘सामान्य और आकलन प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा’ है।
प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआई ने पिछले महीने एयर इंडिया को नोटिस जारी कर पूछा था कि भारतीय विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए विस्तारा के साथ उसके प्रस्तावित विलय की जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए।
एयर इंडिया ने फरवरी में 470 विमानों का ऑर्डर दिया
विल्सन का कहना है कि इस बीच, टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा और चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को व्यक्तिगत तौर पर एयर इंडिया के आगामी विमानों में प्रीमियम केबिन के लिए सीट विकल्प की समीक्षा की।
एयर इंडिया ने फरवरी में 470 विमानों का ऑर्डर दिया था। इसमें 250 विमानों का ऑर्डर यूरोपीय विमान निर्माता एयरबस और 220 विमानों का ऑर्डर अमेरिकी कंपनी बोइंग को दिया गया।
विल्सन ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में बताया है, ‘आपने हाल में पढ़ा होगा कि सीसीआई ने विस्तारा के साथ विलय के हमारे प्रस्ताव के संबंध में और ज्यादा जानकारी मांगी है। हम इस सूचना का स्वागत करते हैं, जो आकलन प्रक्रिया एक सामान्य और महत्वपूर्ण हिस्सा है।’
विलय मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद
टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने अप्रैल में सीसीआई के पास जमा कराए विलय आवेदन में कहा था कि एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय से प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही इसका भारत में प्रतिस्पर्धा पर विपरीत असर होगा।
उन्हें उम्मीद है कि यह विलय मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। एयर इंडिया टाटा संस के पूर्ण स्वामित्व वाली एयरलाइन है। वहीं दूसरी तरफ, विस्तारा टाटा संस और एसआईए का संयुक्त उपक्रम है।
विमानन विश्लेषण फर्म सीरियम के अनुसार, भारत के शीर्ष-5 व्यस्त मार्गों पर, एयर इंडिया समूह की एयरलाइनों – एयर इंडिया, विस्तारा, एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की प्रस्तावित उड़ानों के संदर्भ में 38-53 प्रतिशत भागीदारी थी।
टाटा समूह अपने विमानन व्यवसाय को समेकित कर रहा है और चार एयरलाइन को दो में विलय कर रहा है। जहां एयर इंडिया को संपूर्ण सेवा प्रदान करने वाली एयरलाइन बनाने के लिए विस्तारा के साथ उसका विलय किया जा रहा है, वहीं एयर एशिया इंडिया का विलय एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ किया जा रहा है।
एयर एशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस, दोनों ही टाटा संस के पूर्ण स्वामित्व वाली एयरलाइन हैं और इन्हें पिछले साल जून में सीसीआई द्वारा विलय की अनुमति दी गई थी।