कार बनाने वाली दिग्गज कंपनी जनरल मोटर्स ने पुणे के नजदीक तालेगांव में इंजन और गियर बॉक्स बनाने के लिए नया संयंत्र खोलने का फैसला किया है। इस पर कंपनी 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इसके लिए कंपनी को दो या तीन हफ्तों के भीतर महाराष्ट्र सरकार के साथ करार होन जाने की भी उम्मीद है। दरअसल देश के कार बाजार में तेजी आने के साथ ही तमाम देशी विदेशी कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता में इजाफा करने लगी हैं। मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर्स या टाटा मोटर्स पहले ही इस कतार में लगी हैं।
फॉक्सवैगन, रेनो, निसान, वोल्वो जैसी विलायती कंपनियां भी यात्री और व्यावसायिक वाहन के बाजार पर लार टपका रही हैं। भारत में पहले से ही मौजूद जनरल मोटर्स भी इस मुकाबले को समझ रही है और इसीलिए कंपनी ने अपनी निर्माण क्षमता में अच्छा खासा इजाफा करने की योजना बनाई है।
इसी योजना के तहत तालेगांव में नया संयंत्र लगाया जा रहा है। इसमें सालाना लगभग 2 लाख इकाइयां बनाने की क्षमता होगी। इसमें कंपनी के स्पार्क मॉडल के लिए खास तौर पर इंजन और गियर बॉक्स बनाए जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक तालेगांव संयंत्र से पावरट्रेन यानी इंजन और गियर बॉक्स का निर्यात भी किया जाएगा।
कंपनी स्पार्क कार के निर्माण के लिए संयंत्र लगाने पर पहले ही तकरीबन 1,400 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। जीएम का मानना है कि सितंबर तक इस संयंत्र से उसकी पहली कार बाहर आ जाएगी। इस कार निर्माण संयंत्र में लगभग 1.30 लाख इकाई सालाना बनाने की क्षमता है। जनरल मोटर्स के उपाध्यक्ष कॉरपोरेट अफेयर्स पी बालेंद्रन ने बताया, ‘बेशक हम पुणे में अपने नए संयंत्र में ही इंजन और गियर बॉक्स बनाने वाली इकाई भी लगाने जा रहे हैं। लेकिन अभी हमने यह तय नहीं किया है कि इस इकाई को कब तक लगाया जाएगा।’
बालेंद्रन ने कहा, ‘पुणे का हमारा संयंत्र जैसे ही शुरू हो जाएगा, वैसे ही हमारी उत्पादन क्षमता में भी खासा इजाफा हो जाएगा। इसलिए हमें पावरट्रेन यानी इंजन और गियर बॉकस बनाने के लिए नया संयंत्र तो लगाना ही पड़ेगा।’ हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि अभी इस बारे में आखिरी फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी पहले बुनियादी ढांचे और कई दूसरे पहलुओं पर भी निगाह डालेगी।