अरबपति गौतम अदाणी आर्थिक मुसीबत में फंसे भारतीय टाइकून अनिल अंबानी के कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों के लिए बोली लगा सकते हैं, इन बिजली संयंत्रों की वर्तमान में भारतीय दिवालियापन अदालत (Indian bankruptcy court) द्वारा नीलामी की जा रही है। इस बात की जानकारी, मामले से जानकार लोगों ने दी।
हाल ही में 2.8 बिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने वाले अदाणी को विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड खरीदने के लिए तेज कंपटीशन का सामना करना पड़ सकता है। यह मध्य भारत में 600 मेगावाट उत्पादन फैसिलिटी का संचालन करती है।
अंबानी की रिलायंस पावर लिमिटेड कंपनी का नियंत्रण वापस हासिल करने के प्रयास में संपत्ति के लिए एक प्रस्ताव देने पर भी विचार कर रही है। लोगों ने कहा कि विचार-विमर्श जारी है और अदाणी और रिलायंस पावर औपचारिक प्रस्तावों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला कर सकते हैं। रिलायंस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि अदाणी समूह के प्रवक्ता तुरंत टिप्पणी नहीं कर सके।
यदि अदाणी प्लांट खरीदते हैं तो वे कोयला बिजली परियोजनाओं के अपने बढ़ते पोर्टफोलियो में इसे शामिल कर लेंगे और यह समूह का जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च के विनाशकारी शॉर्ट-सेलर हमले से उबरने का प्रयास होगा, जिसने एक समय में समूह के बाजार मूल्य से $150 मिलियन से अधिक का सफाया कर दिया था।
विदर्भ इंडस्ट्रीज की नीलामी से अंबानी की स्थिति और कमजोर होगी, जो वर्षों से लेनदारों से जूझ रहे हैं और अपने बड़े भाई और एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश के साथ उत्तराधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अदाणी अपनी मुख्य जीवाश्म-ईंधन प्रोजेक्ट का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं, इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि बेन कैपिटल और कार्लाइल ग्रुप इंक उनके छाया बैंक अदानी कैपिटल की नियंत्रित हिस्सेदारी के लिए संभावित बोलीदाताओं में से हैं, क्योंकि वह नकदी का संरक्षण करते हुए प्रमुख व्यवसायों पर करना ध्यान लगाना चाहते हैं।