भारत में नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के तहत सभी रियल मनी गेमिंग (RMG) फॉर्मेट जैसे लूडो, पोकर और रम्मी पर बैन लगने के बाद अब इन कंपनियों के कर्मचारी छंटनी की मार झेल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, गेम्स24×7 (Games24x7) और बाज़ी गेम्स (Baazi Games) जैसी बड़ी गेमिंग कंपनियां अपने 50% से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही हैं।
यह छंटनी कई कंपनियों में RMG बिजनेस के पूरी तरह बंद हो जाने के बाद की जा रही है। दो जानकारों ने बताया कि इसके चलते कंपनियां बड़े पैमाने पर लागत में कटौती कर रही हैं और नए कारोबार की ओर रुख कर रही हैं।
मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन (Tracxn) के आंकड़ों के अनुसार, गेम्स24×7 में 700 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, जबकि बाज़ी गेम्स की पेरेंट कंपनी मूनशाइन टेक्नोलॉजी में 200 से ज्यादा कर्मचारी हैं। बाज़ी गेम्स ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म पोकरबाज़ी (PokerBaazi) को ऑपरेट करती थी।
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एक रियल मनी गेमिंग कंपनी के सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद छंटनी की आशंका पहले से थी। आगे और भी नौकरियां जा सकती हैं। शुरुआत गैर-जरूरी ऑपरेशन से होगी, जबकि टेक्नोलॉजी से जुड़ी कुछ भूमिकाएं बरकरार रखी जाएंगी।”
गेम्स24×7 और बाज़ी गेम्स ने खबर लिखे जाने के समय तक बिज़नेस स्टैंडर्ड के टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
पिछले हफ्ते ड्रीम11 के को-फाउंडर हर्ष जैन ने अपनी कंपनी में छंटनी की किसी संभावना से इनकार किया था।
ट्रैक्शन के अनुसार, गेम्स24×7 ने अब तक कुल 10.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। भारत की एकमात्र लिस्टेड गेमिंग कंपनी नजारा टेक्नोलॉजीज ने पोकरबाज़ी की पैरेंट कंपनी मूनशाइन टेक्नोलॉजी में 832 करोड़ रुपये में 47.7% हिस्सेदारी खरीदी थी।
एक अन्य सूत्र ने कहा, “आने वाले हफ्तों में और भी रियल मनी गेमिंग कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती हैं।”
मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL), विन्ज़ो, जूपी, पेटीएम की फर्स्ट गेम्स, हेड डिजिटल वर्क्स और गेम्सक्राफ्ट जैसी कंपनियों ने नए कानून का पालन करते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर सभी RMG ऑफरिंग्स को बंद कर दिया है।
अगस्त 2025 में पारित ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन एंड रेगुलेशन) एक्ट के तहत, देश में RMG ऑफर करने वालों को तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। कानून में यह भी कहा गया है कि बैंक उन कंपनियों के साथ काम नहीं करेंगे जो इस तरह की सेवाएं प्रदान करती हैं।