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येस बैंक के एफपीओ का बेड़ा हुआ पार

Last Updated- December 15, 2022 | 4:45 AM IST

येस बैंक का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) किसी तरह अनिवार्य 90 फीसदी अभिदान की सीमा को पार कर गया लेकिन कुल मांग 15,000 करोड़ रुपये से थोड़ी कम रह गई। स्टॉक एक्सचेंज पर शाम 6 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक येस बैंक के 9.1 अरब शेयरों में से 8.5 अरब शेयरों यानी 93 फीसदी के लिए ही बोलियां मिलीं। बैंक ने एफपीओ का मूल्य दायरा 12 से 13 रुपये प्रति शेयर रखा है। ऐसे में अगर निचले दायरे पर शेयर आवंटित होता है तो एफपीओ से 14,270 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिनमें एंकर निवेशकों से जुटाए गए 4,100 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। येस बैंक ने अपनी वृद्घि और पूंजी पर्याप्तता अनुपात के लिए शेयर बिक्री के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने एफपीओ को पूरा अभिदान नहीं मिलने पर 3,000 करोड़ रुपये देने की गारंटी दी थी। इससे बैंक के एफ पीओ में 730 करोड़ रुपये की कमी की भरपाई हो सकती है। एफपीओ के  लिए ज्यादा मांग भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम और टिलडेन पार्क कैपिटल सहित संस्थागत निवेशकों की ओर से आई है। सूत्रोंं  ने कहा कि आईएफएल, एचडीएफसी एमएफ, यूनियन बैंक, बजाज होल्डिंग्स, अवेंडस, नॉर्जेस फं ड और जेने स्ट्रीट कैपिटल जैसे कुछ निवेशकों ने येस बैंक के एफ पीओ के वास्ते आवेेदन किए हैं।
संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में दोगुना आवेदन मिले हैं। एंकर निवेशकों और संस्थागत निवेशकों ने एफपीओ में करीब 10,400 करोड़ रुपये लगाए हैं।
दूसरी ओर व्यक्तिगत निवेशकों से निर्गम को ठंडी प्रतिक्रिया मिली। धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) श्रेणी में एफपीओ को 63 फीसदी आवेदन प्राप्त हुए। रिटेल श्रेणी में 46 फीसदी और कर्मचारियों के लिए रखे गए शेयरों में से 32 फीसदी के लिए ही बोलियां मिलीं। निवेश बैंकरों ने कहा कि वे अभी भी कुछ रिटेल आवेदनों को संसाधित कर रहे हैं।
येेस बैंक का शेयर आज 2.9 फीसदी चढ़कर 19.8 रुपये पर बंद हुआ। एफपीओ में 40 फीसदी छूट पर शेयर उपलब्ध थे, लेकिन निवेशकों ने इससे इसलिए दूरी बनाई कि बड़ी मात्रा में शेयर बेचने से द्वितीयक बाजार में शेयर भाव पर दबाव बढ़ेगा। एफपीओ के जरिये येस बैंक करीब 12 अरब ताजा शेयर जारी करेगा, जो मौजूदा शेयर आधार 12.55 अरब शेयरों के बराबर है।
मार्च में बैंक को बचाने की योजना के तहत येस बैंक में एसबीआई की अगुआई में आठ वित्तीय संस्थानों ने 10,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया था। इन निवेशकों को 10 रुपये प्रति शेयर भाव पर शेयर आवंटित किए गए थे। एसबीआई ने 6,050 करोड़ रुपये निवेश कर 48.2 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की थी। एसबीआई ने एफपीओ में 1,750 करोड़ रुपये और निवेश कररने के लिए बोर्ड से मंजूरी ली थी। सूत्रों ने कहा कि मार्च में निवेश करने वाले अधिकांश वित्तीय निवेशकों ने एफपीओ के लिए आवेदन किया है, ताकि उनकी हिस्सेदारी कम न हो सके।

First Published - July 17, 2020 | 11:17 PM IST

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