दिल्ली पुलिस ने स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह और कंपनी के कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्पाइसजेट ने 65.7 करोड़ रुपये से अधिक की पीएफ राशि जमा नहीं की है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, EPFO ने अपनी शिकायत में कहा है कि स्पाइसजेट ने जून 2022 से जुलाई 2024 के बीच अपने 10,000 से अधिक कर्मचारियों के वेतन से 12 प्रतिशत पीएफ के रूप में काटा, लेकिन इसे तय 15 दिन की समयसीमा के भीतर जमा नहीं किया गया।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 16 सितंबर को एफआईआर दर्ज की, जिसमें अजय सिंह, निदेशक शिवानी सिंह, स्वतंत्र निदेशक अनुराग भार्गव, अजय छोटेलाल अग्रवाल और मनोज कुमार सहित कई अधिकारियों को नामजद किया गया है। एफआईआर में यह भी बताया गया है कि नियोक्ता अपने कर्मचारियों की पीएफ राशि के ट्रस्टी होते हैं और उनका दायित्व होता है कि यह राशि समय पर EPFO में जमा हो।
स्पाइसजेट ने 10 महीने की पीएफ राशि जमा की
4 अक्टूबर को स्पाइसजेट ने घोषणा की कि उसने 10 महीने की लंबित पीएफ देनदारी जमा कर दी है। इसके साथ ही एयरलाइन ने कहा कि उसने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 3,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (GST) और वेतन बकाया भी चुका दिए हैं।
एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया, “QIP के जरिए नए फंड जुटाने के पहले सप्ताह में ही स्पाइसजेट ने सभी लंबित वेतन और GST बकाया चुका दिए हैं और 10 महीने की पीएफ राशि जमा कर दी है। अन्य लंबित देनदारियों को निपटाने की प्रक्रिया भी जारी है।”
लीजदाताओं के साथ समझौता
स्पाइसजेट ने पीएफ योगदान के समाधान के साथ-साथ अपने वित्तीय संकट से निपटने के प्रयासों के तहत कई विमान लीजदाताओं के साथ भी समझौते किए हैं।
एयरलाइन लंबे समय से वित्तीय संकट और कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही है और वर्तमान में सीमित विमानों के साथ अपने परिचालन को जारी रख रही है।
शेयरों में गिरावट
शुक्रवार को स्पाइसजेट के शेयरों में 4.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह बीएसई पर 62.79 रुपये पर बंद हुए।