वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सुस्त प्रदर्शन के बाद क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) कंपनियों के लिए कमजोर मांग परिदृश्य और मार्जिन संबंधित समस्याओं को देखते हुए शार्ट टर्म में राह अस्थिर रहने का अनुमान है।
कई ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2023 से लेकर वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने परिचालन लाभ एवं आय अनुमानों को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया है। इस क्षेत्र के लिए अल्पावधि गतिरोध तीसरी तिामही में अनुमान से कमजोर परिचालन दक्षता की वजह से बना हुआ है।
देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध क्यूएसआर कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स (Dominos, Ducking Donuts और पॉपीज के लिए मास्टर फ्रैंचाइजीधारक) के लिए लाइक-फॉर-लाइक (एलएफएल) या सेमस्टोर सेल्स ग्रोथ 0.3 प्रतिशत पर थोड़ी ऊपर रही और 6 प्रतिशत के बाजार अनुमान से कम रही।
त्योहारी मांग के दम पर अक्टूबर में मजबूत राजस्व वृद्धि के बाद कंपनी की बिक्री नवंबर में कमजोर हुई। जहां दिसंबर और जनवरी में इसमें सुधारआया है लेकिन यह अनुमानों के मुकाबले कमजोर बनी हुई है।
इसी तरह, भारत में यम ब्रांड्स की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी देवयानी इंटरनैशनल (देवयानी) ने केंटुकी फ्रायड किचन (केएफसी) और पिज्जा हट में कमजोर उपभोक्ता मांग की वजह से औसत दैनिक बिक्री में 4-5 प्रतिशत की तिमाही गिरावट दर्ज की।
कोटक सिक्योरिटीज का मानना है कि कंपनी के लिए सामान्य तौर पर मौसमी वृद्धि तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत रहती है। केएफसी के लिए एलएफएल वृद्धि 3 प्रतिशत तक रही, जबकि पिज्जा हट के लिए इसमें 6 प्रतिशत की कमजोरी आई।
सेफायर फूड्स इंडिया केएफसी और पिज्जा हट की पैतृक कंपनी ने भी सालाना आधार पर औसत दैनिक बिक्री (एडीएस) में 5.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जबकि तिमाही आधार पर इसमें मामूली 1.5 प्रतिशत की तेजी आई। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि एडीएस में कमजोरी त्योहारी सीजन के बाद मांग में आई नरमी और पिज्जा श्रेणी में कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से दर्ज की गई।
जहां सेफायर के लिए एलएफएल देवयानी के मुकाबले में बेहतर रही, वहीं केएफसी के लिए यह 3 प्रतिशत और पिज्जा हट के लिए -4 प्रतिशत थी।
रेस्टोरेंट ब्रांड्स एशिया (पूर्व में बर्गर किंग इंडिया) ने 8.6 प्रतिशत का एलएफल दर्ज किया, जो ब्रोकर द्वारा जताए गए 25 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है। सभी स्टोरों में खासकर दिसंबर के दौरान कम ग्राहक आवाजाही की वजह से यह कमजोरी दर्ज की गई थी।
वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड (पूर्व में वेस्टलाइफ डेवलपमेंट) या वेस्टलाइफ (जो पश्चिम तथा दक्षिण भारत में फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स की फ्रैंचाइजी है) का प्रदर्शन अलग रहा, क्योंकि उसने 16 प्रतिशत के बाजार अनुमान की तुलना में 20 प्रतिशत एलएफएल वृद्धि दर्ज की। त्योहार संबंधित मांग, अच्छी आवाजाही, और नए मेन्यू जुड़ने से कंपनी अपने प्रतिस्पर्धियों को मात देने में सफल रही।
कई क्यूएसआर के लिए, कमजोर राजस्व के साथ साथ ऊंची लागत से मुनाफा भी प्रभावित हुआ है।
जुबिलेंट के लिए, सपाट एलएफएल प्रदर्शन, लागत दबाव, और कमजोर परिचालन दक्षता से मार्जिन पर नकारात्मक असर पड़ा। कंपनी का समल मुनाफा मार्जिन पनीर और आटे की कीमतों में तेजी की वजह से 210 आधार अंक तक घट गया।
फिलिपकैपिटल रिसर्च के शोध विश्लेषकों विशाल गुटका और बिनय शुक्ला को एलएफएल के संबंध में कुछ दबाव पैदा होने का अनुमान है। उनका मानना है कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति बरकरार रहने से डिस्क्रेशनरी खर्च में कमी आएगी और जुबिलेंट के डिलिवरी-हैवी बिजनेस में नरमी आ सकती है।
पिछले करीब डेढ़ साल के दौरान कंपनी कई बार कीमतें बढ़ा चुकी है, जिसे देखते हुए कच्चे माल की बढ़ती लागत की भरपाई करना कठिन हो सकता है। ब्रोकरेज का मानना है कि ऊंची ईंधन कीमतों और कर्मचारी लागत बढ़ने से कंपनी पर दबाव बढ़ेगा।
सेफायर का परिचालन लाभ बेहतर सकल मार्जिन और लागत नियंत्रण की वजह से अनुमान से बेहतर रहा। केएफसी (मजबूत मार्जिन) के बढ़ते अनुपात से उसके मुनाफे को ताकत मिली।
ब्रोकरेज कंपनियां इस शेयर पर सकारात्मक हैं। एमके रिसर्च का मानना है कि सेफायर 2021-22 से वित्त वर्ष 2025 के दौरान 35 प्रतिशत का मजबूत परिचालन लाभ दर्ज करेगी, और उसे स्टोरों की संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि, 8 प्रतिशत एलएफएल, और मार्जिन वृद्धि से मदद मिलेगी।
वेस्टलाइफ डेरी उत्पादों की कीमतें बढ़ने के बावजूद अपना सकल मार्जिन सुधारने में काफी हद तक सफल रही है। पिछले साल अक्टूबर में डेरी उत्पादों में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ऊंची कर्मचारी लागत की वजह से परिचालन मार्जिन सपाट बना रहा। वेस्टलाइफ का शेयर निर्मल बांग रिसर्च का पसंदीदा बना हुआ है।
केएफसी की मजबूत ब्रांड इक्विटी और व्यावसायिक अवसरों को ध्यान में रखते हुए मोतीलाल ओसवाल रिसर्च देवयानी के परिदृश्य पर सकारात्मक है। कंपनी के प्रबंधन ने डिलिवरी और स्टोरों की संख्या तथा नेटवर्क विस्तार पर जोर दिया है।