भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री इस साल 66 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। इस बारे में काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य की सब्सिडी और सहायक बुनियादी ढांचे के विकास के कारण ईवी की सेल में तेजी देखने को मिलेगी, इसी के साथ साल 2024 के आखिर तक ईवी कुल पीवी बाजार का लगभग 4 प्रतिशत हिस्सा होगा।
इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक, ईवी भारत के निजी वाहन बाजार में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी बना लेगी।
ये भी पढ़ें- Tesla का प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकारों में लगी होड़, तमिलनाडु तथा तेलंगाना भी ज्यादा पीछे नहीं
वित्तीय आंकड़ों पर नजर डालें तो भारतीय ईवी सेक्टर ने वित्तीय वर्ष 2024 में ईवी के विभिन्न प्रकार के वाहनों में रिकॉर्ड बिक्री हुई। बिक्री में सालाना 41% की बढ़ोतरी हुई और 1.66 मिलियन ईवी की सेल दर्ज की गई। मार्च के महीने में 197,000 से अधिक इकाइयों की बिक्री के साथ एक नया रिकॉर्ड बना, ऐसा माना जा रहा है कि ये रिकॉर्ड सेल FAME-II सब्सिडी योजना से लाभ उठाने की भीड़ के कारण था, जो कि आंशिक रुप से समाप्त होने वाली है।
FAME II को बदलने के लिए, सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 शुरू की है, जिसमें इलेक्ट्रिक दो और तीन-पहिया वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह योजना इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के अंत तक वैध है।
ये भी पढ़ें- EV के लिए बढ़ेगी बैटरी की मांग, 2035 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद
वाहन वेबसाइट के डेटा में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक, भारत में 1,665,270 ईवी की खरीद देखी गई, हर दिन औसतन 4,562 ईवी की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की 3,242 दैनिक बिक्री से एक महत्वपूर्ण उछाल है। यह वृद्धि पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की ऊंची कीमतों के बावजूद ईवी में बढ़ती रुचि को दर्शाती है।
भारतीय ईवी बाजार में टाटा मोटर्स टॉप पर हैं, जिनके पास 2023 में दो-तिहाई से अधिक बाजार हिस्सेदारी थी। इसके बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) और बीवाईडी हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी प्रभावशाली ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी XUV400 के साथ पिछले साल लगभग 2,500 प्रतिशत की ईवी बिक्री वृद्धि दर्ज की। BYD ने अपने दो वाहनों e6 MPV और Atto 3 SUV के साथ 2023 में 1500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की।
कारों के अलावा, साल-दर-साल 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सभी ईवी बिक्री में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 56 प्रतिशत रही, जबकि तिपहिया वाहनों में 57 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और बिक्री में 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही।
बता दें, भारत ने साल 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी लाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को साकार करने में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।