एस्सार स्टील ने इस्पात जगत के पहलवान आर्सेलर मित्तल पर ही निशाना साध दिया है। कंपनी आर्सेलर मित्तल की प्रमुख मिल स्पैरोज प्वायंट को खरीदने के लिए होड़ में लग गई है। उसका मुकाबला रूस की कई अमीर स्टील कंपनियों से है।
बाजार के सूत्रों के मुताबिक रूस की कंपनी अब भी इस होड़ में सबसे आगे हैं। लेकिन शशि रुइया की कंपनी एस्सार के अंदर भी उन्हें टक्कर देने का पूरा माद्दा है। बाजार के सूत्रों की मानें, तो यह बाजी एस्सार के हाथ लग भी सकती है। कंपनी इस पर आर्सेलर मित्तल से बातचीत शुरू कर चुकी है।
इस मामले में जेएससी सेवेर्स्ताल, एवराज ग्रुप और ओजेएससी नोवोलिपेत्स्क का नाम भी प्रमुख उम्मीदवारों के तौर पर उभर रहा है। पूरे मामले को करीब से देखने वाले जानकारों के मुताबिक एस्सार भी इसमें अपनी पूरी ताकत झोंकने का इरादा बना चुका है। दरअसल इस अधिग्रहण से किसी भी कंपनी की इस्पात बनाने की क्षमता में जबर्दस्त इजाफा हो जाएगा, जिसका सीधा फायदा इस्पात के बढ़ते बाजार में मिलेगा।
एस्सार के एक प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे जाने पर सीधा जवाब नहीं दिया। लेकिन उसने कहा कि कंपनी निवेश के अच्छे मौके हमेशा तलाशती रहती है।एस्सार की झोली में पहले से ही कई बड़ी इस्पात कंपनियां हैं। एल्गोमा स्टील इनकॉर्पोरंशन, सॉल्ट स्टील मारी, ओंटारियो और मिनेसोटा स्टील इंडस्ट्रीज एलएलसी वगैरह के नाम इनमें प्रमुख हैं।
आर्सेलर मित्तल ने इसी मिल को बेचने के लिए पहले एसमार्क की अगुआई वाले गठबंधन के साथ समझौता किया था। लेकिन वित्तीय मसलों पर मतभेद होने के बाद यह सौदा खटाई में पड़ गया। कंपनी ने मिल को फिर बाजार में उतार दिया।
यह मिल बेचने की नौबत भी अमेरिकी न्याय विभाग के एक फैसले के बाद आई। विभाग ने आर्सेलर एसए और मित्तल स्टील कंपनी के विलय पर रोक लगा दी थी। उसका कहना था कि इससे पूर्वी अमेरिका में टिन से बने उत्पादों के बाजार में मुकाबला कम हो जाएगा। मित्तल के सामने विलय के लिए शर्त थी, जिसके मुताबिक उसे स्पैरोज प्वायंट मिल को बेचना था।