विश्व की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक ईक्यूटी प्राइवेट कैपिटल एशिया से भारत को नए साल में भी निवेश मिलता रहेगा, खास तौर से हेल्थकेयर, वित्तीय सेवा और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में। ईक्यूटी एशिया के चेयरपर्सन और प्राइवेट कैपिटल एशिया के प्रमुख ज्यां एरिक सालटा ने आज यहां ये बातें कही।
ईक्यूटी एशिया पिछले 18 महीने में हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी समेत प्रमुख क्षेत्रों में 6 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने में हमने भारत में 6 अरब डॉलर निवेश किया और यह दुनिया भर में हमारे आकर्षक निवेश गंतव्यों मे से एक बना हुआ है। मुझे लगता है कि नए साल में भी यह रुझान जारी रहेगा।
सलाटा ने यहां मीडिया राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईक्यूटी प्राइवेट इक्विटी (जिसे पहले बैरिंग्स पीई के नाम से जाना जाता था) ने लगभग 30 साल पहले भारत में प्रवेश किया था। तब से यह महत्वपूर्ण एशिया-केंद्रित निजी इक्विटी व्यवसाय में विकसित हो गया है। 2022 में बैरिंग प्राइवेट इक्विटी का इक्यूटी में विलय हो गया जो इक्यूटी की एशियाई शाखा बन गई। ईक्यूटी निजी इक्विटी, बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट में विविध पोर्टफोलियो वाली एक वैश्विक निवेश फर्म है और हम भारत समेत वैश्विक स्तर पर ये सेवाएं प्रदान करते हैं।
स्वीडन के वॉलनबर्ग परिवार द्वारा स्थापित इक्यूटी की एरिक्सन, एबीबी, साब और एस्ट्राजेनेका जैसी वैश्विक कंपनियों में खासी हिस्सेदारी है और 2019 में उसने आईपीओ पेश किया और लगभग 40 बिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ स्टॉकहोम स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई। सलाटा ने कहा कि हमारी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां लगभग 280 अरब यूरो हैं जो हमें दुनिया की सबसे बड़ी निजी इक्विटी फर्मों में से एक बनाती है।
सलाटा ने कहा कि भारत में तरलता और बाजारों तक पहुंच भी आकर्षक है। भारत के शेयर बाजारों में शानदार वृद्धि देखी गई है। हमारा मानना है कि इसमें निवेश करने से निवेशकों के पोर्टफोलियो में एक अनूठा तत्व जुड़ जाता है। ये कारक कम ब्याज दर के बाद के माहौल में भारत और एशिया को महत्वपूर्ण बनाते हैं।
इक्यूटी प्राइवेट कैपिटल में पार्टनर हरि गोपालकृष्णन ने कहा कि कंपनी भारत में अच्छी खासी खरीदारी में अग्रणी थी। हम एक दशक से अधिक समय से खरीदारी कर रहे हैं। भारत में हमारी पहली बड़ी खरीदारी 2013 में हेक्सावेयर के साथ हुई थी। हमने 2011 से अब तक लगभग 20 बड़ी खरीद पूरी की है।
गोपालकृष्णन ने कहा कि भारत में हमारे नए निवेश की तुलना में निकासी अपेक्षाकृत कम थी। लेकिन हम अपने कुल रिटर्न और प्रगति से खुश हैं। हम सभी प्रमुख मानदंडों में भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से हैं। पिछले 15 वर्षों में हमने भारत से बाहर 7 अरब डॉलर का वितरण किया है। हमारा मानना है कि भारत में आगे भी बड़ी खरीदारी जारी रहेगी। 2023 में खरीद का बाजार 10 अरब डॉलर का था। हमें उम्मीद है कि दशक के अंत तक यह 50 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
ईक्यूटी प्राइवेट कैपिटल एशिया टीम में पार्टनर जिमी महतानी ने कहा कि फर्म ने स्वास्थ्य तकनीक सेवाओं जैसे मुख्य क्षेत्रों में कई लेनदेन पूरे किए। उदाहरण के लिए हमने पर्फिसिएंट इंक और जीईबीएस हेल्थकेयर में निवेश किया है। ये दोनों स्वास्थ्य तकनीक सेवा क्षेत्र में हैं।
हमने डब्ल्यूएसओ2 में अपने पहले निवेश के साथ सॉफ्टवेयर में भी विस्तार किया है जो डिजिटल परिवर्तन प्रौद्योगिकी की अग्रणी वैश्विक प्रदाता है और इंडोस्टार में हमारा निवेश कम लागत वाले आवास क्षेत्र में भी है।
उन्होंने कहा, इस साल का एक और आकर्षण सैजिलिटी इंडिया की सफल सार्वजनिक सूचीबद्धता है जिसमें 2022 की शुरुआत में निवेश किया गया था। कंपनी के मजबूत प्रदर्शन ने हमें इस महीने की शुरुआत में इसे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराने में सक्षम बनाया जो हमारे लिए एक शानदार परिणाम रहा है।