पश्चिम एशिया में हाल में तनाव बढ़ने के बावजूद इंजीनियरिंग कंपनियां इस क्षेत्र से ऑर्डर की गतिविधियों को लेकर आशावादी हैं। सितंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि इंजीनियरिंग निर्यात में सालाना आधार पर लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे दमदार मांग और भविष्य के ऑर्डरों के लिए सकारात्मक अनुमान जाहिर होता है। यह वृद्धि बताती है कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद इस क्षेत्र की कंपनियों को इस क्षेत्र में लगातार महत्वपूर्ण अवसर नजर आ रहे हैं।
1 अक्टूबर से शुरू होने वाली चालू तिमाही में लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), केईसी इंटरनैशनल और जेनसोल इंजीनियरिंग उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने पश्चिम एशिया से नए ऑर्डर मिलने का ऐलान किया है। इंजीनियरिंग क्षेत्र के देश के सबसे बड़े समूह एलऐंडटी के मामले में मौजूदा परियोजनाओं का 40 प्रतिशत हिस्सा अब पश्चिम एशिया में है।
कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने विश्लेषकों और मीडिया के साथ बातचीत में कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि पश्चिम एशिया में पूंजीगत व्यय की रफ्तार अच्छी बनी रहेगी।
एलऐंडटी के प्रबंधन ने विश्लेषकों को बताया, ‘भारी उथल-पुथल के बावजूद यह देखना उत्साहजनक है कि मुख्य रूप से सऊदी अरब के नेतृत्व में पश्चिम एशिया के देश तेल और गैस, बुनियादी ढांचे, औद्योगीकरण तथा ऊर्जा परिवर्तन वाली परियोजनाओं में निवेश पर लगातार ध्यान दे रहे हैं।’
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (EEPC) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (डब्ल्यूएएनए) ने भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में 16 प्रतिशत का योगदान दिया है जो एक साल पहले के मुकाबले 24.1 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि है।
ईईपीसी ने कहा कि सितंबर में यूएई को इंजीनियरिंग निर्यात एक साल पहले की तुलना में 49.9 प्रतिशत बढ़कर 67.21 करोड़ डॉलर हो गया। वित्तीय वर्ष के पहले छह महीने के में यूएई को किया जाने वाला निर्यात पिछले साल की तुलना में 44.8 प्रतिशत बढ़कर 3.9 अरब डॉलर हो गया। ईईपीसी के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि अक्टूबर का निर्यात भी सकारात्मक दिख रहा है। उन्होंने कहा ‘निर्यात हर महीने लगातार बढ़ रहा है। पश्चिम एशिया संकट में है, फिर भी यूएई और सऊदी अरब के साथ कारोबार बढ़ा है।’
केईसी इंटरनैशनल ने हाल में सऊदी अरब में 380 केवी ट्रांसमिशन लाइन परियोजना समेत 1,142 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने का ऐलान किया है। केईसी इंटरनैशनल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी विमल केजरीवाल ने कहा कि कंपनी की अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर बुक में हाल के महीनों में उल्लेखनीय इजाफा देखा गया है, खास तौर पर पश्चिम एशिया में। इसकी वजह सऊदी अरब और यूएई में सफल ऑर्डर हासिल करना रहा है।
कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनैशनल ने कहा कि लाभ संबंधी चिंताएं हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम एशिया से अवसर बढ़ रहे हैं। कंपनी के अधिकारियों ने हाल में बातचीत में विश्लेषकों को बताया, ‘हालांकि हम लाभ संबंधी दिक्कतों के कारण ट्रांसमिशन और वितरण कारोबार में पश्चिम एशिया को लेकर बहुत आशावादी नहीं हैं। लेकिन हम वहां भी अच्छे अवसर निकलते देख रहे हैं।’