बीएस बातचीत
टाटा संस की रियल एस्टेट इकाई टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (टीआरआईएल) ने देश में वाणिज्यिक संपत्तियों के विकास एवं अधिग्रहण के लिए इस सप्ताह के आरंभ में कनाडा के सबसे बड़े पेंशन फंड मैनेजर कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपी इन्वेस्टमेंट्स) के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। टीआरआईएल और टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक संजय दत्त ने राघवेंद्र कामत से बातचीत में इस संयुक्त उद्यम की योजनाओं और रियल एस्टेट क्षेत्र के परिदृश्य पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
टाटा रियल्टी के साथ संयुक्त उद्यम में सीपीपी इन्वेस्टमेंट्स ने कितने निवेश की प्रतिबद्धता जताई है?
सीपीपी इन्वेस्टमेंट्स ने 1,000 करोड़ रुपये की वृद्धिशील पूंजी के लिए और हमने भी उतनी ही रकम के लिए प्रतिबद्धता जताई है। यह रकम नए भूखंडों के लिए होगी।
आपकी रीट योजनाओं को इस प्लेटफॉर्म से कितनी रफ्तार मिलेगी?
नई परियोजनाओं के निर्माण पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और मौजूदा परियोजनाओं के अधिग्रहण के लिए अतिरिक्त रकम होगी। हमारे पास फिलहाल 75 लाख वर्ग फुट और 1.4 करोड़ वर्ग फुट विकास एवं डिजाइन की विभिन्न चरणों वाली परियोजनाओं का पोर्टफोलिया है। अतिरिक्त 1 करोड़ वर्ग फुट के लिए 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। कुल मिलाकर पोर्टफोलियो 3.2 करोड़ वर्ग फुट का होगा। यदि आप उसमें तैयार परिसंपत्तियों को भी शामिल कर देते हैं तो सात साल में यह आंकड़ा 4.5 करोड़ वर्ग फुट का होगा।
संयुक्त उद्यम ऐसे समय में स्थापित किया जा रहा है जब वैश्विक महामारी की नई लहर आने की आशंका है। इस पर आप क्या कहेंगे?
वैश्विक स्तर पर रुझान बिल्कुल स्पष्ट है कि कर्मचारियों को स्वस्थ माहौल में काम करने की जरूरत है। हाइब्रिड संस्कृति भी महत्त्वपूर्ण है लेकिन केवल घर से काम करने का मॉडल विफल रहा है। कुछ ऐसे काम हैं जो दफ्तर में ही हो सकते हैं। हमारा मानना है कि रिटेल और वेलनेस में मिश्रित उपयोग वाली परियोजनाओं की आवश्यकता है और ऑफिस श्रेणी बेहतर करेगी। हम उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
दो वाणिज्यिक रियल एस्टेट डेवलपरों में निवेश करने वाले निवेशक हितों के टकराव से कैसे निपटेंगे?
भारत शीर्ष आठ शहरों में सालाना 4 करोड़ वर्ग फुट ऑफिस स्पेस का बाजार है। यहां सभी डेवलपरों के लिए पर्याप्त गुंजाइशस है।
आगामी तिमाहियों के दौरान ऑफिस किराये और मांग की स्थिति कैसी रहेगी?
हमारा मानना है कि मांग में तेजी दिख रही है जिससे किराये में वृद्धि होगी लेकिन आपूर्ति में वृद्धि नहीं हुई है। खराब तरीके निर्मित दफ्तरों के लिए किरायेदार अपने अनुबंध खत्म कर रहे हैं और वे नए मकानों की ओर रुख कर रहे हैं।
पहले आप मॉल का निर्माण और बिक्री कर चुके हैं। क्या अब आप उससे पूरी तरह दूरी बरकरार रखेंगे?
हम अमृतसर और नागपुर में मॉल की बिक्री कर सकते हैं लेकिन हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि हम शॉपिंग सेंटरों का निर्माण नहीं करेंगे। हम खुदरा श्रेणी में काम कर रहे हैं। हमारा मानना है कि मिश्रित उपयोग वाले केंद्र रियल एस्टेट डेवलपमेंट के मुकाबले बेहतर हैं। इसलिए हम केवल मॉल का निर्माण नहीं करेंगे।