One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL), जो Paytm ब्रांड का संचालन करती है, को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शो-कॉज नोटिस भेजा है। कंपनी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन का आरोप है, जो कुल 611 करोड़ रुपये के लेनदेन से जुड़ा है। यह मामला कंपनी द्वारा अपनी सहायक कंपनियों के अधिग्रहण से संबंधित है।
ED की जांच के अनुसार, यह उल्लंघन लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (LIPL) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (NIPL) (पहले Groupon) के अधिग्रहण से जुड़ा है। इसमें कंपनी के कुछ निदेशकों और अधिकारियों की भूमिका भी शामिल बताई जा रही है।
बाजार नियामक को दी गई जानकारी के मुताबिक, 611 करोड़ रुपये में से 345 करोड़ रुपये LIPL से जुड़े निवेश लेनदेन से संबंधित हैं, जबकि 21 करोड़ रुपये NIPL से जुड़े हैं। बाकी राशि One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) से संबंधित है।
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Paytm ने कहा है कि ये उल्लंघन उस समय हुए थे जब ये कंपनियां OCL की सहायक कंपनियां नहीं थीं।
कंपनी ने एक बयान में कहा, “इस मामले को लागू कानूनों और नियामकीय प्रक्रियाओं के तहत हल करने के लिए हम जरूरी कानूनी सलाह ले रहे हैं और उचित कदमों का मूल्यांकन कर रहे हैं।”
Paytm ने कहा कि इस विकास का उसके उपभोक्ताओं और व्यापारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है और वे पूरी तरह से चालू हैं।
2017 में, Paytm ने डील डिस्कवरी प्लेटफॉर्म Nearbuy.com और Little Internet का मर्जर किया था और संयुक्त इकाई में बहुसंख्यक हिस्सेदारी हासिल की थी।
पिछले साल, कंपनी ने किसी भी जांच या विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन से इनकार किया था, जिसमें उसकी सहयोगी इकाई Paytm Payments Bank Limited भी शामिल थी।
इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Paytm Payments Bank में कई नियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।
RBI ने 31 जनवरी 2024 को बड़ा फैसला लेते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ज्यादातर सेवाओं को 1 मार्च 2024 से बंद करने का आदेश दिया था। आरबीआई ने कहा था कि बैंक के खिलाफ लगातार नियमों के उल्लंघन और गंभीर पर्यवेक्षी चिंताओं के कारण यह कार्रवाई की गई है। इस फैसले के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक में डिपॉजिट, फंड ट्रांसफर और वॉलेट टॉप-अप जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी।