facebookmetapixel
बीमा क्षेत्र में 100% FDI का रास्ता होगा साफ! सरकार शीतकालीन सत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी मेंCorporate Action: अगले हफ्ते मार्केट में स्प्लिट-डिविडेंड-बोनस का मिलेगा तगड़ा मिश्रण, निवेशकों की चांदीG20 में PM मोदी के बड़े सुझाव: अफ्रीका के विकास से लेकर वैश्विक पारंपरिक ज्ञान तक बड़ा एजेंडाDividend Stocks: नवंबर के आखिरी हफ्ते निवेशकों की चांदी, कई कंपनियां अपने शेयरधारकों को बांटेगी डिविडेंडUP में युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा मौका, KVIC से 21% ज्यादा नौकरियां!Car Loan Offer: सिर्फ 7.6% पर कार लोन! EMI केवल ₹10,000 के करीब; जानें कौन दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरभारत की पहली मरीन NBFC सागरमाला फाइनेंस ने बढ़ाई कर्ज सीमा, समुद्री प्रोजेक्ट्स को ₹25,000 करोड़ की राहतSudeep Pharma IPO: सब्सक्राइब करें या नहीं? पूरा रिव्यू 3 मिनट में!Bonus Stocks: अगले हफ्ते ये दो बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेगी बोनस, पोर्टफोलियो में जुटेगें नए शेयरSIP निवेशक की गाइड: कब और कैसे करें निकासी; एक्सपर्ट से समझें

ECMS योजना के तहत 249 कंपनियों ने 1.15 लाख करोड़ रुपये निवेश प्रस्ताव सरकार को दिए: वैष्णव

ECMS योजना के तहत 249 कंपनियों ने 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिससे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन, पीसीबी निर्माण और रोजगार बढ़ाने की उम्मीद है।

Last Updated- October 02, 2025 | 10:08 PM IST
Ashwini Vaishnaw
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव | फाइल फोटो

इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जा विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के अंतर्गत सरकार को 249 कंपनियों से 1.15  लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। सरकार ने 22919 करोड़ रुपये लागत से ईसीएमएस शुरू की है। 

वैष्णव ने कहा,‘पिछले 11 वर्षों में दुनिया में भारत को लेकर जो भरोसा जगा है वह वैश्विक कंपनियों द्वारा निवेश, उत्पादन और रोजगार प्रतिबद्धताओं के रूप में नजर आ रहा है।’ 

ईसीएमएस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा अनुमानित 4.56 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन लक्ष्य के मुकाबले इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इन 249 कंपनियों से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादन लक्ष्य आश्वासन प्राप्त हुए हैं। 

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के विभिन्न उप-खंडों (जिनके लिए ईसीएमएस  के तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा) में सरकार को इलेक्ट्रो-मैकेनिकल उत्पादों के निर्माण के लिए 87 आवेदन मिले हैं। इसी तरह, पीसीबी के निर्माण के लिए बड़े और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों सहित विभिन्न कंपनियों से 43 आवेदन प्राप्त हुए हैं। वैष्णव ने कहा कि मोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर उत्पादों एवं संबंधित उपकरणों के लिए अहाता बनाने के लिए 16 कंपनियों से कुल 35,813 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। 

उन्होंने कहा,‘हमारे पास एक ऐसी कंपनी है जिसने अकेले 22,000 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव रखा है, जो इन खंडों में अब तक का सबसे अधिक है।’ केंद्र सरकार ने इस वर्ष 8 अप्रैल को ईसीएमएस योजना अधिसूचित की थी। इसे 1 मई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली। छह वर्ष की अवधि की इस योजना में कंपनियों के लिए एक वर्ष की निर्माण पूर्व अवधि का भी प्रावधान है। इसका उद्देश्य वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति मूल्य श्रृंखला में वैश्विक और घरेलू कंपनियों से निवेश आकर्षित कर एक मजबूत घटक (कंपोनेंट) विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है। इस योजना का मकसद भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए घरेलू मूल्य संवर्द्धन बढ़ाना है। फिलहाल भारत में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए घरेलू मूल्य संवर्द्धन लगभग 15-18 फीसदी है।

उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के उलट ईसीएमएस अन्य कारकों के आधार मसलन सृजित नौकरियों की संख्या या सफल आवेदक द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय आदि आधार पर प्रोत्साहन देगी। 

इसी तरह, जो कंपनियां 8 से अधिक परतों के साथ मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड  बनाने के लिए इकाइयां स्थापित करती हैं, वे उत्पादन के पहले वर्ष में 10 फीसदी तक प्रोत्साहन प्राप्त कर सकती हैं। अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए आवेदन की तिथि 30 सितंबर को समाप्त हो गई थी मगर एचडीआई, एमएसएपी और लचीले पीसीबी के लिए आवेदन अप्रैल 2027 तक किए जा सकेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईसीएमएस के तहत पहली मंजूरी अगले कुछ महीनों में मिलने की उम्मीद है और 2026 के अंत से पहले उत्पादन शुरू होने की संभावना है।

इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों खासकर मोबाइल फोन के उत्पादन और निर्यात में पिछले एक दशक में तेजी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में 17 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक दर पर बढ़ोतरी हुई है जबकि इस अवधि के दौरान निर्यात में 20 फीसदी सीएजीआर दर से वृद्धि हुई है।

First Published - October 2, 2025 | 10:04 PM IST

संबंधित पोस्ट