हैदराबाद स्थित 150 करोड़ रुपये की पूंजी वाला डुपॉन्ट नॉलेज सेंटर (डीकेसी) इस वर्ष जून तक अपना संचालन पूर्ण रूप से शुरू कर देगा।
यह अमेरिका की उत्पाद और सेवा एकत्र करने वाली कंपनी डुपॉन्ट का बायोटेक सेंटर है, जो अगले महीने से अपना संचालन शुरू कर देगा।डुपॉन्ट इंडिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलविंदर सिंह कलसी ने कहा कि डीकेसी अपने संचालन के प्रथम वर्ष में 300 वैज्ञानिकों और अभियंताओं को शामिल करेगा। अगले दो-तीन वर्षों में यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है। डीकेसी अमेरिका से बाहर डुपॉन्ट की छठी प्रमुख शोध एवं विकास इकाई है।
उन्होंने कहा कि डुपॉन्ट विभिन्न इकाइयों में 150 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस निवेश राशि में उपकरण पर होने वाला खर्च और अन्य खर्च इसके अतिरिक्त हैं। इस वर्ष के अंत तक डीकेसी में होने वाला कुल निवेश 200 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा।
शहर के बाहरी छोर पर स्थित शमीरपेट में आईसीआईसीआई नॉलेज पार्क में 15 एकड़ में फैला डीकेसी, बायोटेक्नोलॉजी प्रयोगशालाओं, शोध प्रयोगशालाओं, अभियांत्रिकी डिजाइन केंद्रों और उच्च सूचना प्रौद्योगिकी क्षमताओं से लैस होगी। कलसी ने कहा, ‘विश्व में यह पहली बार है जब हम नॉलेज सेंटर के रूप में अपनी शोध इकाई की पहल कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि डीकेसी बौद्धिक संपदा, विश्लेषणात्मक और उच्च ज्ञान आधारित सेवाएं भी मुहैया कराएगा।
डुपॉन्ट के लिए भारत को एक रणनीतिक बाजार बताते हुए कलसी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों के दौरान कंपनी की संयुक्त औसत वृद्धि दर 28 प्रतिशत रही है। 2007 में भारत में कंपनी की राजस्व भागीदारी 1,756 करोड़ रुपये रही।
डुपॉन्ट के चीफ इनोवेशन अधिकारी और कार्यकारी उपाध्यक्ष थॉमस एम. कोनेली ने कहा कि डीकेसी की बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘यह हमें अपनी बाजार गति को बढ़ाने में सक्षम बनाएगी। विकास का यह सिलसिला सिर्फ भारत तक सीमित नहीं होगा, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी कंपनी की स्थिति मजबूत होगी।’
डीकेसी के निदेशक होमी भेदवार ने कहा कि डुपॉन्ट 2010 तक भारत में कंपनी की आनुवंशिक शोध श्रम शक्ति में 15-20 प्रतिशत की वृध्दि सुनिश्चित करने की योजना बना रही है।