डायरेक्ट-टु-होम (डीटीएच) सेवा प्रदाता कंपनियां भी विज्ञापनों पर खर्च करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। इस वित्त वर्ष में डीटीएच कंपनियां विज्ञापनों पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही हैं।
दूसरे क्षेत्रों से मुकाबला
इस क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियां अब एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल कंपनियों की तरह ही बड़े स्तर पर विज्ञापन बजट बना रही हैं। अभी तक सिर्फ एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र ही विज्ञापनों पर सालाना 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती हैं।
विज्ञापनों पर खर्च होने वाली इस भारी भरकम रकम का लगभग 70 फीसदी खर्च तो अभी लॉन्च होने वाली बिग टीवी, भारती एयरटेल और वीडियोकॉन जैसी कंपनियां ही करेंगी। डीटीएच कं पनियों के सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र में पहले से ही मौजूद डिश टीवी और टाटा स्काई भी विज्ञापनों और प्रमोशनों पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं।
बिग इसमें भी बिग
रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की बिग टीवी अकेले ही अपने विज्ञापन और प्रमोशन कैंपेन पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट बना चुकी है। एक दो महीने में लॉन्च होने वाले रिलायंस के डीटीएच के लिए प्रिंट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक और आउटडोर मीडिया के लिए बड़े स्तर पर विज्ञापन कैंपेन बन चुके हैं।
इसी तरह भारती एयरटेल की डीटीएच कंपनी भी एक या दो महीने के भीतर ही अपनी सेवाएं शुरू करने वाली है। इस कंपनी का शुरुआती विज्ञापन बजट लगभग 100 करोड़ रुपये का ही था। इस उद्योग से जुड़े सुत्रों ने बताया, ‘डीटीएच लाइसेंस होल्डर वीडियोकॉन भी इस साल के अंत तक अपनी डीटीएच सेवा शुरू करने वाला है। इसके लिए कंपनी ने लगभग 250 करोड़ रुपये का विज्ञापन बजट भी बनाया है।’
क्षेत्रीय प्रसारक सन नेटवर्क ने केरल और कर्नाटक में डीटीएच सेवा देनी भी शुरू कर दी है। कंपनी ने सन डायरेक्ट के विज्ञापन कैंपेन पर लगभग 50-60 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। इन दोनों राज्यों में सन डायरेक्ट के ग्राहकों की संख्या भी अच्छी खासी हो गई है।
वित्त वर्ष 2007-08 में प्रिंट और टेलीविजन माध्यमों पर एफएमसीजी कंपनियों ने कुल मिलाकर 2,200 करोड़ रुपये खर्च किये थे। जबकि ऑटो कंपनियों ने भी 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये थे। एक वरिष्ठ मीडिया प्लानर के अनुसार एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनियां विज्ञापनों पर इसी तरह 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च करेंगी। लेकिन डीटीएच क्षेत्र में बढ़ते मुकाबले के कारण इस क्षेत्र का विज्ञापन बजट भी 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।
डिश टीवी ने वित्त वर्ष 2007-08 में विज्ञापनों पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किये इससे कंपनी को लगभग 10 लाख नए ग्राहक बने थे। टाटा स्काई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘टाटा स्काई हर महीने लगभग 10-12 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च करता है और इससे कंपनी के लगभग 10 लाख ग्राहक और बने हैं। हमें एक ग्राहक बनाने के लिए लगभग 10,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। नई कंपनियों के आने के बाद इस लागत में और इजाफा होने की उम्मीद है।’