ई-कॉमर्स कंपनियों को दोगुने ऑर्डर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:52 AM IST

कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया गया है। ऐसे में फ्लिपकार्ट, एमेजॉन और स्नैपडील जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों को आवश्यक और किराने के सामान की मांग में दोगुनी बढ़ोतरी दिख रही है। महाराष्ट्र और दिल्ली जैसी जगहों पर संक्रमण के ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं, ऐसे में इन्हीं जगहों से ग्राहकों की ओर से जरूरी और किराने के सामान की ऑनलाइन मांग में भी सबसे ज्यादा तेजी देखी जा रही है।
ई-कॉमर्स उद्योग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ऑर्डर की तादाद में सामान्य कारोबार की तुलना में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है।’ बिगबास्केट के राष्ट्रीय प्रमुख (अनिवार्य श्रेणी) सेषु कुमार तिरुमला के अनुसार, ‘कंपनी को खाद्यान्न, तेल, आटा, मसाला, फल और सब्जियां, मीट तथा डेरी उत्पादों जैसी आवश्यक श्रेणियों में बढ़ोतरी दिख रही है। महाराष्ट्र में ई-कॉमर्स कंपनियों को सबसे ज्यादा ऑर्डर मिले हैं जहां हाल ही में संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि हुई है और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार से 15 दिन का कर्फ्यू लगाया गया है।’ एमेजॉन के वेब पोर्टल के मुख्य पन्ने पर ही एक बैनर था जिसमें यह सूचना थी कि फिलहाल केवल जरूरी सामानों के लिए ऑर्डर लिए जा रहे हैं और डिलिवरी में सामान्य से थोड़ा अधिक समय लग सकता है। इसी तरह बिगबास्केट में कुछ ही घंटों में डिलिवरी का स्लॉट दिखता है लेकिन इसकी अवधि बढ़कर दो दिन तक हो जा रही है।
ई-कॉमर्स उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि चावल, गेहूं, दालें, बेबी फूड, दूध, डेरी उत्पादों और फलों तथा सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की मांग में भी तेजी देखने को मिल रही थी। अन्य महत्त्वपूर्ण वस्तुओं में साबुन, सैनिटरी पैड, सैनिटाइजर और मास्क जैसे हाइजीन वाले सामान शामिल हैं। फ्लिपकार्ट, एमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने मांग पूरी करने के लिए डिलिवरी साझेदारों की भर्ती का दायरा बढ़ा दिया है। इनमें से कई दूसरे राज्यों से भी आए हुए हैं जो स्थिति और गंभीर होने पर अपने गृहनगर भी वापस जा सकते हैं ऐसे में उन्हें वापस लाना भी एक चुनौती होगी। उनका कहना है, ‘मांग में वृद्धि के आधार पर हम और अधिक लोगों को काम पर रख रहे हैं क्योंकि बड़ी तादाद में लोग अपने गृहनगर वापस जा सकते हैं।’
हालांकि कुछ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ समेत ऐसी जगहें हैं जहां पूरी ताकत जिले को सौंप दी गई है और हर जिलाधिकारी अपने-अपने आदेश पारित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ ने ई-कॉमर्स की अनुमति नहीं दी है और मध्य प्रदेश में ई-कॉमर्स के जरिये केवल जरूरी चीजों की डिलिवरी करने की अनुमति है। लेकिन आज की जरूरी चीजों की परिभाषा उस सूची से बहुत अलग है जो काफी पहले बनाई गई थी। शुक्र है कि अन्य सभी राज्य ई-कॉमर्स का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वे इसकी जरूरत को समझते हैं।’
छत्तीसगढ़ ने कुछ जिलों में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू कर दिया है क्योंकि राज्य में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि सरकार अनुभव आधारित साक्ष्यों पर विचार करते हुए काफी हद तक ई-कॉमर्स कंपनियों का समर्थन कर रही है क्योंकि ये कोविड-19 के खिलाफ  लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के साथ ही सामाजिक दूरी को बनाए रखने और बिना किसी संपर्क के सामान के वितरण की सुविधा भी देती हैं लेकिन ऑफलाइन कारोबार निकायों और राजनीतिक लॉबिइंग का दबाव भी है। एक व्यक्ति ने कहा, ‘वे ई-कॉमर्स की बिल्कुल अनुमति नहीं दे सकते हैं या केवल जरूरी चीजों के लिए अनुमति दे सकते हैं। हालांकि कोई यह भी नहीं कह रहा है कि सभी दुकानें बंद रखनी है बल्कि ये दुकानें प्रभावी तरीके से घरों में सामान पहुंचा सकते हैं और इससे उनकी आजीविका भी प्रभावित नहीं होगी।’ सामुदायिक मंच लोकलसर्कल्स के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि करीब 21 प्रतिशत शहरी परिवारों द्वारा जरूरी चीजों की खरीद ऑनलाइन करने की संभावना है जबकि मार्च में 16 फीसदी परिवारों ने और फरवरी में 11 फीसदी परिवारों ने आवश्यक सामानों की खरीदारी ऑनलाइन की थी। लोकलसर्कल्स के संस्थापक और अध्यक्ष सचिन टपारिया ने कहा, ‘यह अतिरिक्त मांग पहले से ही प्रमुख ई-किराना कंपनियों के समय पर डिलिवरी करने के दबाव को दोगुना कर रही है और दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों (एनसीआर) में भी इतना ही दबाव देखा जा रहा है जहां इनके पास व्यापक ढांचा है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि जरूरी चीजों की होम डिलिवरी की मांग बढ़ गई है लेकिन सामान की आपूर्ति में कोई कमी नहीं देखी जा रही है क्योंकि ज्यादातर जगहों पर सप्ताहांत में प्रतिबंध लगाए जाने और रात कर्फ्यू लगाने के बावजूद आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सीमित नहीं की जा रही है।’ स्नैपडील के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘देश के विभिन्न हिस्सों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा है और खरीदार सुरक्षा के लिहाज से घर से ही खरीदारी करने का विकल्प चुन रहे हैं। हालांकि यातायात और ऑर्डर में पूरे देश के स्तर में वृद्धि हुई है और यह महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिम बंगाल में अधिक स्पष्ट है। हम बच्चों के लिए गर्मी के कपड़े, जूते, फ्रिज में पानी रखने वाली बोतलों जैसे घरेलू सामानों के साथ-साथ ऐंटी बैक्टीरियल वाइप्स और सैनिटाइजर्स सहित गर्मी के अनुरूप विभिन्न आयु वर्ग के परिधान के ऑर्डर में तेजी देख रहे हैं।’ अन्य सामान के भी काफी खरीदार मिल रहे हैं जिनमें बच्चों के स्कूल या मनोरंजन से संबंधित सामानों जैसे प्रिंटिंग पेपर, रंग और हस्तशिल्प से जुड़े सामान आदि शामिल हैं।
डिलिवरी कर्मचारियों की सुरक्षा
ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों एमेजॉन और फ्लिपकार्ट दोनों ने कहा कि वे आपूर्ति शृंखला से जुड़े अपने कर्मचारियों, डिलिवरी कर्मियों, विक्रेताओं और अन्य लोगों की बेहतरी पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। एमेजॉन ने कहा कि अपनी टीमों की सुरक्षा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। कंपनी अपने सभी साइटों की बार-बार सफाई कराने के साथ ही कई अन्य उपाय भी कर रही है। कंपनी ने भारत में अपने सभी आपूर्ति केंद्रों, छंटाई केंद्रों और डिलिवरी केंद्रों में प्रवेश और निकास के वक्त तापमान की जांच जारी रखी है। इसी तरह फ्लिपकार्ट ने कहा कि वह पिछले कई महीनों से पूरी सुरक्षा और मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करना जारी रख रही हैं जिसे पिछले कई महीनों में तैयार किया गया था और इसे पूरे संस्थान में लागू किया गया था। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अधिक लोगों को काम पर रखकर देश भर में ई-कॉमर्स सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रहे हैं कि डिलिवरी देते हुए भी उनकी कोविड-19 की जांच की जाए।’

First Published : April 15, 2021 | 11:23 PM IST