भारत के प्रमुख हवाईअड्डे धीरे-धीरे वैश्विक संपर्क का केंद्र बन रहे हैं। पिछले एक साल में भारतीय विमानन कंपनियों की सेवाएं लेने वाले ट्रांजिट यात्रियों (अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए बीच में रुककर विमान बदलने वाले यात्री) की संख्या तकरीबन दोगुनी हो गई है।
विमानन क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था सीरियम के अनुसार देश के छह बड़े हवाई अड्डों -दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु और हैदराबाद- से होते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचने वाले ऐसे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या पिछले साल फरवरी से 97.09 प्रतिशत बढ़कर इस फरवरी में 68,305 हो गई। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी आंकड़े देखे हैं।
इनमें से ज्यादातर यात्रियों की मंजिल ढाका, काठमांडू, कोलंबो, बैंकॉक और सिंगापुर रही। मगर दिलचस्प है कि ऐसे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी का फायदा एयर इंडिया और विस्तारा जैसी पूर्ण सेवा देने वाली कंपनियां उठा रही हैं और किफायती सेवा देने वाली इंडिगो जैसी कंपनियां पीछे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2024 में इन छह हवाईअड्डों के लिए इंडिगो से उड़ान भरने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या पिछले साल फरवरी से 48.6 प्रतिशत बढ़ गई। मगर इंडिगो से यात्रा करने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में ट्रांजिट यात्रियों की हिस्सेदारी फरवरी 2023 के 2.17 प्रतिशत से बढ़कर इस फरवरी में 2.49 प्रतिशत ही हो पाई।
एयर इंडिया की बात करें तो उसके कुल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में ट्रांजिट यात्रियों की हिस्सेदारी फरवरी में बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई,जो पिछले साल फरवरी में 2.84 प्रतिशत थी। विस्तारा से सफर करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में ट्रांजिट यात्रियों की हिस्सेदारी फरवरी 2024 में बढ़कर 5.35 प्रतिशत हो गई।
विमानन क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार एयर इंडिया और विस्तारा को ट्रांजिट यात्रियों से अधिक फायदा मिल रहा है क्योंकि ये दोनीं ही पूर्ण सेवा प्रदाता कंपनियां हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘पूर्ण सेवा देने वाली विमानन कंपनियां विभिन्न चरणों में यात्रा करने वाले लोगों को नियमित सेवा देती हैं। यात्रियों को सामान और खाने-पीने की गुणवत्ता की कोई फिक्र नहीं होती। कोडशेयर उड़ानों (विमानन कंपनियों के बीच एक दूसरे की उड़ानों में सीट उपलब्ध कराने के लिए विशेष समझौता) में यात्रा करने वाले पूर्ण सेवा प्रदाताओं को तरजीह देते हैं।’
अधिकारी ने कहा कि किफायती विमानन सेवा देने वाली विमानन कंपनियों के लिए ऐसी सुविधाओं को सुगमता से अंजाम देना मुश्किल हो जाता है। हवाई अड्डा अधिकारियों ने कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यात्रियों के लिए संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय विमानन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ा रही हैं और कोडशेयर उड़ानों से जुड़े अधिक समझौते कर रही हैं।
विमानन क्षेत्र के शोधकर्ता एवं ‘नेटवर्क थॉट्स’ के संस्थापक अमेय जोशी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘भारतीय विमानन कंपनियां कोविड-19 महामारी से ही ट्रांजिट यात्रियों को अपनी ओर खींचने के प्रयास में लगी हैं। एयर इंडिया के निजीकरण और इंडिगो के नए बाजारों में पहुंचने से इसकी रफ्तार और बढ़ेगी।’
इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि यात्रियों की जरूरत के अनुसार कंपनी अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट संपर्क बढ़ाने पर सक्रियता से काम कर रही है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि यूरोपीय देशों और भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच उड़ानों के लिए भारत में उतरना ट्रांजिट यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक है।