प्रख्यात आवास वित्तीय सेवा प्रदाता दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) की बकाएदारों की समिति (सीओसी) ने छोटे निवेशकों को भुगतान बढ़ाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। सीओसी ने 89.19 प्रतिशत के बहुमत के साथ निवेशकों को भुगतान बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) द्वारा निवेशकों को भुगतान बढ़ाने का सुझाव दिया गया था।
हालांकि दिवालिया न्यायाधिकरण ने संपूर्ण योजना को मंजूरी दे दी थी, वहीं उसने सावधि जमा धारकों और छोटे निवेशकों के लिए कोष का पुन आवंटन करने को कहा था। उसने कहा कि योजना को फिर से सीओसी को नहीं भेजा गया, इसके बजाय अंतिम निर्णय ऋणदाताओं के हवाले छोड़ दिया गया है।
एनसीएलटी के आदेश में कहा गया था, ‘सार्वजनिक जमाकर्ताओं, सावधि जमाधारकों, एनसीडी के ग्राहकों के लिए वितरण पर निर्णय के संबंध में, हमने सीओसी को उनकी शिकायतों पर पुनविर्चार करने का भी सुझाव दिया और समाधान योजना का विरोध नहीं किया।’
सीओसी ने उस रिजोल्यूशन पर वोटिंग की थी जिसका मकसद 39 करोड़ रुपये के सैन्य बीमा कोष के पूरे स्वीकृत दावे, एयर फोर्स ग्रुप इंश्योरेंस सोसायटी से संबंधित 72.93 करोड़ रुपये, और नेवी चिल्ड्रेन स्कूल से संबंधित 2.54 करोड़ रुपये के दावे का भुगतान करना था। इसके अलावा, सीओसी इस पर भी वोटिंग की थी कि क्या सभी सावधि जमाधारकों को अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाना चाहिए, ताकि ऐसे निवेशकों को देय पूरी राशि उनके दावों के लगभग 40 प्रतिशत के बराबर हो, जो सुरक्षित वित्तीय लेनदारों के रिकवरी प्रतिशत के समान है। इसलिए, उन्हें करीब 1,241 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है, जो 23 प्रतिशत रिकवरी है।
एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने 7 जून को डीएचएफएल के लिए पीरामल गु्रप की समाधान योजना को स्वीकृति दी थी। इस योजना को पीरामल गु्रप द्वारा पेश किया गया, जिसमें 37,250 करोड़ रुपये चुकाने की पेशकश की गई और इसे सीओसी, आरबीआई, और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा मंजूरी दी गई है।
समाधान योजना के अनुसार, 37,250 करोड़ रुपये की कुल राशि में से, 14,700 करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान, नकदी वसूली से संबंधित है, जिसमें 4,002 करोड़ रुपये पीरामल गु्रप द्वारा लगाए गए और शेष 10,968 करोड़ रुपये 31 मार्च, 2021 तक डीएचएफएल के पास नकदी बैलेंस, और 19,550 करोड़ रुपये सीओसी सदस्यों के लिए जारी एनसीडी के तौर पर उपलब्ध थी।
स्टर्लिंग बायोटेक के निदेशक पर प्रतिबंध
सेबी ने वैश्विक जमा रसीदों (जीडीआर) को जारी करने में धोखाधड़ी से संबंधित मामले में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रतिभूति बाजार में प्रतिबंधित कर दिया है। उन्हें प्रतिबंध के दौरान किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मचारी का पद लेने से रोक दिया गया है। इन निदेशकों में नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, राजभूषण दीक्षित, विलास जोशी और प्रियदर्शन बी मेहता शामिल हैं। इन लोगों को तीन से पांच साल तक प्रतिभूति बाजार से अलग रहना होगा। भाषा