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एयर इंडिया एक्सप्रेस को DGCA की फटकार, इंजन मरम्मत में देरी और रिकॉर्ड हेराफेरी का मामला

DGCA ने एयर इंडिया एक्सप्रेस को समय पर इंजन पार्ट्स न बदलने और रिकॉर्ड में हेरफेरी करने पर फटकार लगाई, कंपनी ने गलती स्वीकार कर सुधारात्मक कदम उठाए।

Last Updated- July 04, 2025 | 11:04 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मार्च में एयर इंडिया की किफायती विमानन सेवाएं देने वाली एयरलाइन को एक एयरबस ए320 के इंजन के पुर्जे यूरोपीय संघ (ईयू) की विमानन सुरक्षा एजेंसी के निर्देशानुसार समय पर न बदलने और अनुपालन दिखाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के लिए फटकार लगाई थी। एक सरकारी ज्ञापन से इसका अंदाजा मिला है।

एक बयान में, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने रॉयटर्स को बताया कि उसने भारतीय नियामक के सामने अपनी गलती स्वीकार की और ‘सुधारात्मक कार्रवाई करने के साथ ही निवारक उपाय’ भी किए हैं।

अहमदाबाद में जून में हुए बोइंग ड्रीमलाइनर दुर्घटना के बाद से एयर इंडिया गहन जांच के दायरे में है, जिस घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी। एक दशक में हुए दुनिया की बेहद खराब विमान दुर्घटना की जांच अब भी चल रही है।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के एयरबस में इंजन से जुड़े मुद्दे को 18 मार्च को उठाया गया था, जो दुर्घटना से कई महीने पहले की बात है। लेकिन नियामक ने इस साल मूल कंपनी, एयर इंडिया को भी जांच लंबित होने के बावजूद, तीन एयरबस विमानों को उड़ाने के नियमों का उल्लंघन करने के लिए चेतावनी दी है और साथ ही जून में उसने पायलट की ड्यूटी के समय में ‘गंभीर उल्लंघन’ की चेतावनी दी थी। एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया की सहायक कंपनी है, जिसका स्वामित्व टाटा समूह के पास है। इसके पास 115 से अधिक विमान हैं और यह 50 से अधिक जगहों के लिए उड़ान भरती है, जिसमें रोजाना 500 उड़ानें शामिल हैं। यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी ने 2023 में सीएफएम इंटरनैशनल लीप-1ए इंजनों पर ‘संभावित असुरक्षित स्थिति’ के समाधान के लिए एक उड़ान की योग्यता से जुड़े निर्देश जारी किए थे जिसमें इंजन सील और घूमने वाले पुर्जों को बदलने के लिए कहा गया था और साथ ही यह बात भी कही गई थी कि इसमें निर्माण संबंधी कुछ कमियां मौजूद हैं।

एजेंसी के दिशानिर्देश में कहा गया है कि ‘अगर यह स्थिति ठीक नहीं की जाती है तब प्रभावित पुर्जे काम करना बंद कर सकते हैं और इसका नतीजा यह होगा कि अधिक ऊर्जा वाले मलबे निकलेंगे और जिसके परिणामस्वरूप विमान को नुकसान हो सकता है और उस पर नियंत्रण कम हो सकता है।’ मार्च में विमानन कंपनी को भेजे गए भारत सरकार के गोपनीय ज्ञापन को समाचार एजेंसी ने देखा है जिसमें कहा गया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की  निगरानी से पता चला है कि एयरबस ए320 के एक इंजन के पुर्जों का संशोधन ‘निर्धारित समय सीमा के भीतर’ नहीं किया गया था।

ज्ञापन में आगे कहा गया है, ‘यह दिखाने के लिए कि काम निर्धारित सीमाओं के भीतर किया गया है, एएमओएस रिकॉर्ड को स्पष्ट रूप से बदला गया और उसमें हेरफेर किया गया है।’ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस एंड इंजीनियरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (एएमओएस) सॉफ्टवेयर का उपयोग विमानों के रखरखाव और वायु में संचालन की योग्यता का प्रबंधन करने के लिए करती हैं।

First Published - July 4, 2025 | 11:01 PM IST

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