डिजिटल इस्तेमाल बढऩे के साथ देश में डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है। ऐसे में रियल एस्टेट कारोबारी एक अलग क्षेत्र में संपत्ति के सृजन की संभावनाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
पूर्वांकरा और सालारपुरिया सत्व जैसे डेवलपर जहां पहले ही डेटा सेंटर ऑपरेटरों के साथ इस तरह की संपत्तियां संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए बात कर रहे हैं, वहीं एंबेसी ग्रुप ने इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।
पूर्वांकरा में वाणिज्यिक एवं खुदरा क्षेत्र के मुख्य कार्याधिकारी विशाल मीरचंदानी ने कहा, ‘हम मुंबई में एक डेटा सेंटर ऑपरेटर से बात कर रहे हैं और इसके लिए संयुक्त रूप से मुंबई और चेन्नई में जमीन देख रहे हैं। हम आईटी कंपनियों के लिए कैप्टिव डेटा सेंटर खोलने पर भी विचार कर रहे हैं।’ बेंगलूरु की कंपनी का कहना है कि वह अगले दो साल में वाणिज्यिक पोर्टपोलियो में डेटा सेंटर की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत करेगी। कंपनी वाणिज्यिक क्षेत्र में अगले 8 साल में 7,000 से 8,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना बना रही है।
सालारपुरिया सत्व ने पहले ही 2 डेटा सेंटर बनाए हैं, एक मुंबई में और एक बेंगलूरु में। कंपनी अब मुंबई, बेंगलूरु, हैदराबाद और चेन्नई में और डेटा सेंटर बनाने पर विचार कर रही है। सालारपुरिया सत्वा ग्रुप के निदेशक महेश खेतान ने कहा, ‘डेटा सेंटर के क्षेत्र में कोविड-19 के बाद हम व्यापक संभावनाएं देख रहे हैं। वर्क फ्राम होम की अनिवार्यता, ऑनलाइन शिक्षा, ऑनलाइन मेडिकल कंसल्टेंशन, ई कॉमर्स बढऩे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेबिनॉर बढ़ रहे हैं। इन सबकी वजह से डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है।’
कोलियर्स इंटरनैशनल की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2020 तक भारत के रियल एस्टेट में कुल मिलाकर निक्विटी प्रवाह 86.6 करोड़ डॉलर रहा है, जिसमें से करीब 46 प्रतिशत डेटा सेंटर क्षेत्र में आया है।
औसतन भारत के मोबाइल डेटा उपभोक्ता हर महीने 8.3 जीबी डेटा की खपत करते हैं, जबकि चीन में मोबाइल उपभोक्ता 5.5 जीबी डेटा इस्तेमाल करते हैं। सरकार का डेटा के स्थानीयकरण का कानून क्लाउड वेयरहाउस के सृजन पर जोर देता है। इसकी वजह से क्लाउड और बड़े डेटा भंडारण की मांग बढ़ रही है।
डेटा क्षेत्र में संभावनाओं पर ग्राहकों से बात कर रहे आरएमजेड समूह के प्रबंध निदेशक तिरुमल गोविंदराज ने कहा, ‘डेटा सेंटर दीर्घावधि पट्टे हैं, जिसमें भारी निवेश होता है और यह नियत आमदनी के स्रोत हैं। यह सुरक्षित निवेश पर दांव है।’
हीरानंदानी समूह ने देश भर में अगले दो साल में डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये रखे हैं। कंपनी ने जुलाई में 1,000 करोड़ रुपये के केंद्र की सुविधा शुरू की है, जो मुंबई में 20 एकड़ में फैला है। अदाणी समूह ने भी 70,000 करोड़ रुपये के निवेश कसे भारत में बड़े डेटा पार्क विकसित करने के लिए सैन फ्रांसिस्को की डिजिटल रियल्टी से पिछले साल समझौता किया है।