facebookmetapixel
वाहन क्षेत्र : तीसरी तिमाही में हुए 4.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सौदे, ईवी में बढ़ी रुचित्योहारी सीजन में जगी इजाफे की उम्मीद, डेवलपरों को धमाकेदार बिक्री की आसJLR हैकिंग से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 2.55 अरब डॉलर का नुकसान, 5,000 से ज्यादा संगठन हुए प्रभावितको-वर्किंग में मिल रहे नए आयाम: डिजाइन, तकनीक और ब्रांडिंग से तैयार हो रहे क्षेत्र-विशिष्ट कार्यस्थलपश्चिम एशिया को खूब भा रही भारतीय चाय की चुस्की, रूस और अमेरिका से गिरावट की भरपाईछोटे उद्यमों के लिए बड़ी योजना बना रही सरकार, लागत घटाने और उत्पादकता बढ़ाने पर जोररूसी तेल खरीद घटाएगा भारत, व्यापार मुद्दों पर हुई चर्चा: ट्रंपपर्सिस्टेंट सिस्टम्स को बैंकिंग व बीएफएसआई से मिली मदद, 1 साल में शेयर 5.3% चढ़ासोने की कीमतों में मुनाफावसूली और मजबूत डॉलर के दबाव से गिरावट, चांदी और प्लेटिनम भी कमजोरआपूर्ति के जोखिम और अमेरिका-चीन वार्ता की उम्मीद से तेल के भाव उछले, 62 डॉलर प्रति बैरल के पार

आर्थिक चिंताओं के बावजूद वृद्धि की रफ्तार बरकरार: Infosys चेयरमैन नीलेकणि

नीलेकणि ने माना कि एआई अपनी सभी संभावनाओं और क्षमताओं के साथ अनिश्चितता का माहौल पैदा करता है, लेकिन वे इसे खतरे के रूप में नहीं देखते।

Last Updated- June 25, 2025 | 10:37 PM IST
Infosys Nandan Nilekani

इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Infosys Chairman Nandan Nilekani) ने कहा कि उन्हें वृहद आर्थिक चिंताओं के बावजूद लागत अनुकूल सौदे, ग्राहकों के बीच डिस्क्रेशनरी खर्च की प्रवृति और बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि जारी रहने का भरोसा है, भले ही कंपनियां टेक्नॉलजी के बदलते स्वरूप को अपनाने की चुनौतीपूर्ण राह पर तेजी से बढ़ रही हैं।

नीलेकणि ने माना कि एआई अपनी सभी संभावनाओं और क्षमताओं के साथ अनिश्चितता का माहौल पैदा करता है, लेकिन वे इसे खतरे के रूप में नहीं देखते। उनके अनुसार, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) भी इसे खतरे के रूप में नहीं देखते।

बुधवार को कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) में नीलेकणि ने कहा, ‘एआई और जीसीसी विकास की नई लहर हैं, खतरे नहीं। इससे नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है। हम उन्हें प्रतिस्पर्धियों के रूप में नहीं देखते हैं। जीसीसी हमारे लिए क्लाइंट भी हैं।’ हालांकि, इन्फोसिस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में जीसीसी को एक प्रमुख/उभरते जोखिम के रूप में चिन्हित किया है।

उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 अनिश्चितता भरे मौजूदा समय में क्रियान्वयन के संदर्भ में इन्फोसिस के लिए एक मजबूत वर्ष रहा है।’ टैरिफ के प्रभाव, सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था और दुनियाभर में भूराजनीतिक तनाव से सभी क्षेत्रों में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हुई है और आईटी क्षेत्र भी इससे अलग नहीं है।

First Published - June 25, 2025 | 10:32 PM IST

संबंधित पोस्ट