दिल्ली उच्चालय ने इंडस टावर की उस याचिका को मंजूरी दी है, जिसमें टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किए गए इनपुट एवं इनपुट सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से इनकार करने पर भेजे गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी गई थी। साथ ही अदालत ने कंपनी के खिलाफ जारी 5,454 करोड़ रुपये की मांग नोटिस को भी खारिज कर दिया है।
यह फैसला न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यामूर्ति धर्मेश शर्मा के खंडपीठ ने आज सुनाया है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) अधिकारियों को अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने वाली कंपनी ने कंपनी के खिलाफ जारी 5,454 करोड़ रुपये की कारण बताओ नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी। कारण बताओ नोटिस में यह आरोप लगाते हुए इनपुट सेवाओं पर क्रेडिट देने से इनकार किया गया था और कहा गया था कि इनका उपयोग दूरसंचार टावरों के निर्माण में किया गया था।