सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेक्टर की दिग्गज कंपनी एक्सेंचर (Accenture) ने वित्त वर्ष 2023 में अपने राजस्व वृद्धि के अनुमान में लगातार दूसरी बार कटौती की है, जिससे संकेत मिलता है कि भारतीय IT सेक्टर के लिए आगे चलकर और अधिक मुश्किल होने वाली है। विश्लेषकों ने यह आशंका जताई है।
एक्सेंचर ने स्थिर मुद्रा (CC) में वित्त वर्ष 2023 का अपना राजस्व वृद्धि अनुमान घटाकर नौ प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 10 प्रतिशत था। सितंबर से अगस्त तक की अवधि को अपना वित्त वर्ष मानने वाली इस कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही (जून-अगस्त 2023) में स्थिर मुद्रा में दो से छह प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि पहले का अनुमान छह से 10 प्रतिशत था।
अनुमान में यह कमी छोटे सौदों (विवेकाधीन) तथा संचार, मीडिया और हाई-टेक (सीएमटी) तथा वित्तीय कार्यक्षेत्रों में नरमी की वजह से हुई है।
तीसरी तिमाही के दौरान 17 अरब डॉलर के स्तर पर कंपनी का ऑर्डर प्रवाह भी प्रबंधन की अपेक्षाओं से कम रहा। एक्सेंचर के सौदों की धीमी बुकिंग, प्रमुख कार्यक्षेत्रों में मांग में कमी और उभरते मूल्य निर्धारण की दबाव के मद्देनजर ब्रोकरेज फर्मों ने भारतीय IT सेक्टर के संबंध में ‘सतर्क से ऋणात्मक’ रुख कायम रखा है।
जेफरीज के अक्षत अग्रवाल और अंकुर पंत ने लिखा है कि एक्सेंचर की बुकिंग वृद्धि में तीव्र कमी, यहां तक कि आउटसोर्सिंग में भी, IT सेक्टर व्यय पर बढ़ते अध्ययन का संकेत देती है। पांच तिमाहियों के बाद अनुबंध के लाभ में तिमाही आधार पर गिरावट मूल्य निर्धारण के दबाव को इंगित करती है, जो इस क्षेत्र के मार्जिन को प्रभावित कर सकती है।
प्रबंधित सेवाओं (आउटसोर्सिंग) के कारोबार ने तीसरी तिमाही में एक्सेंचर के लिए संपूर्ण बुकिंग वृद्धि की अगुआई की है और ऐसा अगली तिमाही में भी जारी रह सकता है।
निर्मल बंग के विश्लेषकों का कहना है कि इस खंड में देखी गई असामान्य मजबूती भारतीय प्रतिस्पर्धियों के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि टियर 1 कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर हमारा मानना है कि एक्सेंचर बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रही है।
इस बीच विश्लेषकों ने कहा है कि एक्सेंचर के परामर्श कारोबार के प्रदर्शन में गिरावट से इन्फोसिस और विप्रो पर नकारात्मक असर पड़ने के आसार हैं, जिनका इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत अधिक निवेश है।
सीएमटी सीसी के राजस्व में एक्सेंचर के आठ प्रतिशत के वार्षिक संकुचन और वित्तीय सेवा खंड में नरमी इस क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
विश्लेषकों के अनुसार सीएमटी में 39 प्रतिशत निवेश के साथ टेक महिंद्रा को एलटीआई माइंडट्री और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के साथ खास असर दिखेगा।
जेएम फाइनैंशियल के अभिषेक कुमार और अनुज कोटेवार ने कहा कि एक्सेंचर को छोटे आकार के सौदे की बिक्री, सीएमटी के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका में और गिरावट आने का अनुमान है, जो इस क्षेत्र के लिए नकारात्मक है। हम जून से इन तनावग्रस्त क्षेत्रों में कुछ स्थिरता की उम्मीद कर रहे थे।