रिलायंस कैपिटल के लेनदार कंपनी की परिसंपत्तियों की नीलामी के नतीजे की प्रतीक्षा बेसब्री से कर रहे हैं। अभिरुचि पत्र जमा कराने की आखिरी तारीख मंगलवार को समाप्त हो रही है। लेनदार कंपनी की सभी परिसंपत्तियां बेच रहे हैं, जिसमें बीमा उद्यम व म्युचुअल फंड की हिस्सेदारी शामिल है ताकि वे अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली वित्तीय सेवा कंपनी से अपना बकाया वसूल कर सके।
बोलीदाताओं के पास पूरी कंपनी या खास परिसंपत्तियों के लिए बोली लगाने का विकल्प है। कंपनी के एक लेनदार ने कहा, अभिरुचि पत्र के रूप में मिलने वाली प्रतिक्रिया से हमें पता चलेगा कि इन परिसंपत्तियों के खरीदार हैं या नहीं। अगर हमें अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो हमें अभिरुचि पत्र की आखिरी तारीख बढ़ानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा, लेकिन हम बीमा उद्यम के लिए अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं, जो बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
बीमा उद्यम में आरकैप की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में 100 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है, जो चौथी सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनी है और बाजार हिस्सेदारी 4.5 फीसदी है। इसके अलावा रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस की 51 फीसदी हिस्सेदारी भी इसमें शामिल है। यह जापानी की सबसे बड़ी बीमा कंपनी निप्पॉन लाइफ के साथ संयुक्त उद्यम है और बाकी हिस्सेदारी निप्पॉन के पास है।
आरकैप की परिसंपत्तियों की बिक्री ऐसे समय में हो रही है जब दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन की नीलामी को लेकर बोलीदाताओं अदाणी और पीरामल समूह के अलावा अमेरिकी फंड ओकट्री के बीच संघर्ष चल रहा है। बैंकरों ने कहा कि आरकैप का कर्ज एकीकृत आधार पर 26,869 करोड़ रुपये है और एकल इकाई का कर्ज 17,446 करोड़ रुपये। ये आंकड़े सितंबर के हैं।
आरकैप की परिसंपत्तियों की बिक्री में अग्रणी सिक्योरिटीज कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी और रिलायंस ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है। कंपनी के पास अन्य प्राइवेट इक्विटी की हिस्सेदारी व रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट्स के अलावा रिलायंस हेल्थ की भी 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
अकेले आरकैप कर्ज समाधान प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रही है। मार्च में रेटिंग फर्म केयर ने आरकैप की सहायक 11,726 करोड़ रुपये की रिलायंस होम फाइनैंस को भी डिफॉल्ट श्रेणी में डाल दिया था। रिलायंस होम फाइनैंस ने कहा कि उनके लेनदारों ने 7 जून के आरबीआई के परिपत्र के मुताबिक कर्ज समाधान योजना तक पहुंचने के लिए इंटर-क्रेडिटर करार किया है। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमे के कारण कर्ज समाधान में देर हो रही है।
रिलांयस होम फाइनैंस के खाते में 1,000 करोड़ रुपये नकद हैं और कंपनी ने 28 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों को यह सूचना दी थी। कंपनी की एनबीएफसी इकाई रिलायंस कॉमर्शियल फाइनैंस भी कर्ज समाधान के लिए बैंकों की तरफ से मुकदमे का सामना कर रही है। 31 मार्च 2020 को आरकैप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक रिलायंस कॉमर्शियल फाइनैंस की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 11,190 करोड़ रुपये थी, जो मार्च 2019 में 14,269 करोड़ रुपये रही थी।
