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डार्क पैटर्न : उबर ही नहीं, कई कैब कंपनियां जांच के घेरे में, एडवांस टिप के नाम पर यात्रियों की जेब पर मार

उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को ‘एक्स’ पर कहा कि सरकार ओला और रैपिडो जैसे दूसरे ऐप की भी जांच कर रही है।

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उदिशा श्रीवास्तव   
अक्षरा श्रीवास्तव   
Last Updated- May 22, 2025 | 11:57 PM IST

एडवांस टिप यानी यात्रा शुरू करने से पहले प्रोत्साहन राशि वसूलने के मामले में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की जांच के दायरे में आई उबर अकेली कैब कंपनी नहीं है, जो ग्राहकों को इस तरह चूना लगा रही है। ‘रैपिडो’और ‘नम्मा यात्री’ जैसे दूसरे ऐप भी ऐसी ही तरकीबें अपनाते हैं। इससे पता चलता है कि ये तमाम डिजिटल मंच ग्राहकों से तयशुदा रकम से अधिक झटकने के लिए अक्सर ऐसे तरीके इस्तेमाल करते हैं जिन्हें ‘डार्क पैटर्न’ कहा जाता है।

उबर को ऐसे ही मामले में बीते बुधवार को सीसीपीए ने नोटिस जारी किया है। उसका मानना है कि यात्रियों से रकम लेने का यह अनुचित तरीका है। उबर ने नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को ‘एक्स’ पर कहा कि सरकार ओला और रैपिडो जैसे दूसरे ऐप की भी जांच कर रही है। उन्होंने कहा, ‘अगर वे ऐसी हरकतों में लिप्त पाए जाते हैं तो उन्हें भी नोटिस भेजा जाएगा।’

सरकारी नियमों के अनुसार, ‘डार्क पैटर्न’ का मतलब ऐसे भ्रामक तरीके हैं जो उपयोगकर्ताओं को गुमराह करते हैं या धोखा देते हैं। ये मूल रूप से उनके स्वतंत्र फैसले को प्रभावित करते हैं। उबर के मामले में ‘एडवांस टिप’ फीचर ग्राहकों को यात्रा से पहले अतिरिक्त पैसे देने के लिए प्रेरित करता है, ताकि उन्हें जल्दी राइड मिल सके।

उबर ने खबर लिखे जाने तक उपभोक्ता नियामक प्राधिकरण से नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की थी। हालांकि एक सूत्र ने बताया कि उबर ने यह फीचर, कैब उद्योग में सक्रिय अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से एक महीने बाद शुरू किया। सूत्र ने कहा, ‘एडवांस टिप फीचर ड्राइवरों के लिए आकर्षक है और यह लगभग एक उद्योग मानक बन गया है। टिप चुने गए वाहन और दूरी के आधार पर अलग-अलग होती है।’

एडवांस टिप जैसी सुविधा के बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब देते हुए कैब प्लेटफॉर्म रैपिडो ने कहा कि कंपनी को सीसीपीए से कोई नोटिस नहीं मिला है। उसने आगे कहा कि प्लेटफॉर्म दो मॉडल पर काम करता है:

शून्य-कमीशन एसएएएस (ऑटो और कैब के लिए) और कमीशन-आधारित (बाइक के लिए) मॉडल। रैपिडो ने कहा, ‘ऑटो और कैब के लिए किराये को लेकर यात्री और ड्राइवर के बीच ऐप पर सीधे सहमति होती है। हमारी तरफ से कोई एडवांस टिप या अतिरिक्त शुल्क नहीं तय किया जाता। बाइक की सवारी के लिए यात्रियों के पास अतिरिक्त किराया जोड़ने का विकल्प होता है, जिसे बढ़ी हुई कीमत माना जा सकता है। यह अतिरिक्त किराया पूरी तरह से वैकल्पिक है और तभी लागू होता है जब ग्राहक स्पष्ट रूप से सहमत हों।’

इस सुविधा को एक विकल्प बताते हुए मंच ने कहा, ‘रैपिडो, राइड शुरू होने से पहले ग्राहकों से कोई टिप नहीं लेता है। यह सुविधा पूरी तरह से यात्रियों के लिए एक सुविधा विकल्प के रूप में डिजाइन की गई है और ग्राहक इसे मना करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके बावजूद उन्हें राइड मिल सकती है अगर कैप्टन अनुरोध स्वीकार कर लेते हैं।’

एक और कैब एग्रीगेटर इनड्राइव प्लेटफॉर्म बुकिंग के समय यात्रा के लिए निश्चित कीमत की सिफारिश करता है। हालांकि, अगर ड्राइवर ‘प्रस्ताव’ स्वीकार नहीं करते हैं तब ग्राहकों को ड्राइवर को जल्दी ढूंढने के लिए किराया बढ़ा कर देने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इंडिया बिजनेस के कंट्री मैनेजर और निदेशक प्रदीप मजूमदार ने कहा, ‘हम एक खुले बाजार मॉडल पर काम करते हैं, जो मूल रूप से मांग और आपूर्ति से जुड़ा मुद्दा है। हम कीमत की सिफारिश करते हैं जो मौजूदा मांग-आपूर्ति की स्थिति के आधार पर संतुलित किराया हो, जिसे कोई ड्राइवर या यात्री चुन सकते हैं, लेकिन हम किसी को भी उस कीमत से ऊपर या नीचे जाने से नहीं रोकते हैं। दरअसल मोलतोल इस मंच का हिस्सा है और यह भारत के लिए कोई अनोखी बात नहीं है।’

First Published : May 22, 2025 | 11:25 PM IST