Market This Week: भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (19 सितंबर) को गिरावट में बंद हुए। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में मुनाफावसूली के चलते बाजार गिरकर बंद हुए। इसके अलावा ऑटो स्टॉक्स में भी प्रॉफिट बुकिंग ने बाजार को नीचे की तरफ खींचा। हालांकि, लेकिन अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती, जीएसटी रिफॉर्म (GST Reforms) और अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर आशावाद के चलते लगातार तीसरा हफ्ते बाजार वीकली बढ़त में बंद हुए।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 (Nifty50) शुक्रवार को 0.38 फीसदी गिरकर 25,327.05 पर और बीएसई सेंसेक्स 0.47 प्रतिशत गिरकर 82,626.23 पर बंद हुआ। दोनों इंडेक्स में इस हफ्ते (15 सितंबर से 19 सितंबर) 0.9% की बढ़ोतरी हुई। 16 प्रमुख सेक्टरों में से 14 में इस हफ्ते तेजी रही। स्मॉल-कैप और मिडकैप शेयरों में क्रमशः 2.9 फीसदी और 1.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
कोटक सिक्योरिटीज में इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा, ”भारतीय शेयर बाजारों ने इस सप्ताह पॉजिटिव रिटर्न दिया। यह वैश्विक बाजारों में आई मजबूती के अनुरूप रहा। वैश्विक बाजारों में तेजी को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती से सहारा मिला।”
उन्होंने कहा, ”प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 और सेंसेक्स इस सप्ताह करीब 1 प्रतिशत चढ़े। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने बड़ी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने साप्ताहिक आधार पर 1.5 से 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इस सकारात्मक मूमेंटम के चलते लगभग सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स ने हरे निशान में बंद हुए। बीएसई रियल्टी इंडेक्स ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। जबकि एफएमसीजी इंडेक्स इस हफ्ते लगभग फ्लैट रहा और कमजोर प्रदर्शन किया।”
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में की गई कटौती अगले सप्ताह से लागू हो रही है। इससे उम्मीद है कि आगामी कुछ तिमाहियों में महंगाई दर नियंत्रण में रहेगी। इस कटौती का फायदा उपभोक्ता आधारित कंपनियों और अन्य सेक्टर्स को मिलेगा, जो कम जीएसटी दरों से लाभान्वित होंगे। बाजार की नजर अब अमेरिका के टैरिफ संबंधित रुख और इसके वैश्विक आर्थिक ग्रोथ पर प्रभाव को लेकर स्पष्टता पर बनी रहेगी।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जो व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी। कम अमेरिकी ब्याज दरें उभरते बाजारों जैसे भारत को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती हैं। ऐसी स्थिति में ट्रेजरी यील्ड और डॉलर आमतौर पर गिरते हैं।
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इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत फिर से शुरू होने से सेंटीमेंट्स पर पॉजिटिव असर पड़ा। निवेशकों को भारत और अमेरिका के बीच वार्ता में हुई प्रगति से भी समर्थन मिला। अधिकारियों ने इस सप्ताह बातचीत फिर से शुरू की है।
निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 7.15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (15 सितंबर-19 सितंबर) को बढ़कर 4,66,46,297 करोड़ रुपये रह गया। यह पिछले हफ्ते शुक्रवार (12 सितंबर) को यह 45,931,025 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 715,272 करोड़ रुपये बढ़ा है।
सेबी रजिस्टर्ड ऑनलाइन ट्रेडिंग और वेल्थ टेक फर्म एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, ”टेक्निकल आउटलुक से निफ्टी के 25,500 के रेजिस्टेंस स्तर के पास ‘हैंगिंग मैन’ फॉर्मेशन ने बिकवाली के दबाव की पुष्टि की है। इसमें इंट्राडे सपोर्ट अस्थायी रूप से 25,285 पर बना रहा। लेकिन बाद में मोमेंटम कमजोर हो गया। ऑप्शंस डेटा के अनुसार, 25,300 पर पुट ओपन इंटरेस्ट की बढ़ोतरी निकट अवधि के लिए सपोर्ट प्रदान कर रही है। जबकि लगभग 2 करोड़ कॉल कॉन्ट्रैक्ट्स 25,400 पर ऊपर की ओर बढ़त को रोक रहे हैं। तत्काल सपोर्ट 25,230 पर है। अगर यह स्तर निर्णायक रूप से (decisively) टूटता है तो 25,150 से 25,000 के बीच गिरावट का रास्ता खुल सकता है। वहीं, ऊपर की ओर रुझान तभी मजबूत होगा जब 25,500–25,600–26,000 के स्तर पर मजबूती से बंद होता है।”