अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप | फोटो क्रेडिट: PTI
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने हाल ही में मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं और दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं। हालांकि, इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
टैरिफ के आधे हिस्से को खासतौर पर भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाया गया है। ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनका मकसद रूस के तेल की कीमतें कम करना है। उनका कहना था कि अगर तेल की कीमतें गिर जाएंगी, तो रूस को यूक्रेन युद्ध से पीछे हटना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा, “सीधे शब्दों में कहें तो, अगर तेल की कीमतें नीचे जाएंगी, तो पुतिन को युद्ध छोड़ना पड़ेगा। उनके पास कोई विकल्प नहीं होगा।”
हालांकि, भारत की रूस से तेल की खरीद टैरिफ के बावजूद स्थिर बनी हुई है।
ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई को रोकने में मदद की थी। उस समय पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने संघर्ष को समाप्त करने में भूमिका निभाई।
भारत की तरफ से बार-बार यह साफ किया गया है कि इस युद्धविराम को पाकिस्तान के सेना प्रमुख की कॉल के बाद ही हासिल किया गया था। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष से सीज़फायर की बात की थी।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कुल सात ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया है, जिनमें अधिकतर सुलझाना मुश्किल माना जाता था। उन्होंने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान का मामला हल किया। ये दोनों परमाणु क्षमता वाले देश हैं।”
ट्रंप के बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ यह जानकारी साझा की।
इस दौरान ट्रंप ने अपनी नीतियों और फैसलों का बचाव करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य वैश्विक स्थिरता और युद्ध को रोकना था। भारत पर लगाए गए टैरिफ और भारत-पाकिस्तान के मामले में उनकी भूमिका दोनों ही उनके लिए अहम विषय बने हुए हैं।