डाबर वैदिक चाय की शुरुआत के साथ डाबर इंडिया 5,600 करोड़ रुपये के प्रीमियम चाय बाजार में उतरी है। स्वास्थ्य अनुपूरक श्रेणी के तहत आई प्रीमियम ब्लैक टी के बाजार में कंपनी प्रतिस्पर्धा करेगी।
2020 में डाबर वैदिक सुरक्षा चाय के साथ 19,500 करोड़ रुपये की चाय बाजार में उतरी थी। बाजार में आते ही कंपनी ने पहले से ही स्थापित ब्रुक बांड की रेड लेबल नेचुरल केयर, टाटा टी गोल्ड, और हिंदुस्तान यूनीलिवर की ताज महल और टाटा टी को पछाड़ दिया। नीलसन के आकड़ो के अनुसार, चाय बाजार में आठ फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है।
डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘लगातार विकास के लिए नवोन्मेष करना कठिन काम है और हमारी कंपनी अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए लगातार नए उत्पादों को बाजार में लाती रहेगी। हम नए उत्पादों को लगातार बाजार में ला रहे हैं ताकि हम बाजार में अपनी जगह बना सकें। हमने शोध एवं विकास (आरऐंडडी) पर खर्च नहीं बढ़ाया है लेकिन हमारा लक्ष्य यह है कि हम बाजार में तेजी से बढ़ सकें और नवोन्मेष सुनिश्चित कर सकें। आज हमारा नया उत्पाद चाय बाजार में 4 से 5 फीसदी की भागीदारी कर रहा है।’
डाबर वैदिक चाय में तीन तरह की पैकेजिंग व्यवस्था में उपलब्ध है, जिसमें 100 ग्राम 60 रुपये में, 250 ग्राम 150 रुपये में और 500 ग्राम 295 रुपये में बाजार में उपलब्ध है। डाबर अपने उत्पाद की प्रीमियम बाजार में जगह बना रही है, जो लगभग 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है।
मल्होत्रा ने कहा कि डाबर की भी खुली चाय को बाजार में उतारने की योजना है। उन्होंने कहा कि रियल ड्रिंक्स ब्रांड ने अपने पहले ही साल में 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया और इस साल 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली है। इसकी पिछले साल ही शुरुआत भी की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘हम विशेष रूप से ई-कॉमर्स के लिए डिजिटल-फर्स्ट उत्पादों की एक श्रृंखला भी शुरू कर रहे हैं। हमारी रणनीति कई आधुनिक प्रारूपों के ई-कॉमर्स का उपयोग करके उत्पादों के लॉन्च करने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और फिर उनका कई माध्यमों में विस्तार करने की है। हमारी डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और हम इस साल इस पोर्टफोलियो के साथ 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने के लिए तैयार हैं।’
प्रीमियम चाय बाजार में, ग्रीन टी सेगमेंट की हिस्सेदारी 900 करोड़ रुपये की है और वहीं प्रीमियम खुली चाय की हिस्सेदारी 4,700 करोड़ रुपये के साथ काफी
बड़ी है।
1,551 करोड़ रुपये की बाजार में हिस्सेदारी के साथ कुल प्रीमियम चाय सेगमेंट में पश्चिमी क्षेत्र का योगदान 33 फीसदी है, जिसमें महाराष्ट्र का योगदान 812 करोड़ रुपये, गुजरात का 584 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश का योगदान 155 करोड़ रुपये है।
डाबर सोमवार को होममेड टेस्टी मसाला पेश कर मसाला बाजार में भी प्रवेश किया। इस बीच, फर्म ने आने वाले हफ्तों में शहद आधारित मिठाई, रत्नाप्राश शुगर-फ्री-आधारित चॉकलेट, और पीनट बटर सहित कई अन्य सेगमेंटों को इकट्ठा पेश करेगी।