सीमेंस इंडिया ने दिसंबर तिमाही (पहली तिमाही, कंपनी अक्टूबर से सितंबर वित्त वर्ष पर अमल करती है) में 15 प्रतिशत राजस्व वृद्घि दर्ज की और ऑर्डर प्रवाह में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की तेजी से संकेत मिलता है कि कंपनी पर महामारी का प्रभाव अब समाप्त हो सकता है।
इंजीनियरिंग दिग्गज द्वारा अपनी पैतृक से सीऐंडएस इलेक्ट्रिक का अधिग्रहण किए जाने से उसके लिए मौजूदा वित्त वर्ष में बिजली और गैस सेगमेंट में मजबूती आने की उम्मीद है। सीमेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुनील माथुर का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में मजबूत उपस्थिति के साथ लो-वोल्टेज वाले स्विचगियर पर केंद्रित यह अधिग्रहण सौदा बाजार संभावनाओं के संदर्भ में आपसी तालमेल बढ़ाएगा और इससे कंपनी को निर्यात बाजार में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘यह अधिग्रहण मार्जिन वृद्घि वाला होगा और इससे हमें लक्षित प्रतिफल अनुपात हासिल करने में मदद मिलेगी।’
निजी कंपनियों पर अपना ध्यान बढ़ाने की वजह से सीमेंस को पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में नरमी के बावजूद मदद मिली है। पिछले कुछ वर्षों में सरकारी निविदाओं की कमजोर रफ्तार की वजह से सीमेंस के बहीखाते में निजी ठेकेदारों का योगदान वित्त वर्ष 2019 के 71 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 75 प्रतिशत पर पहुंच गया। डेटा सेंटर, इस्पात निर्माता, खाद्य एवं बेवरिज उद्योग और हेल्थकेयर जैसे सेगमेंटों ने अपनी क्षमताओं और उत्पादकता में सुधार लाने के लिए तकनीकी उन्नयन पर जोर दिया है जिससे सीमेंस की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई है। 12,800 करोड़ रुपये पर कंपनी की ऑर्डर बुक करीब एक साल की राजस्व संभावना मुहैया करा रही है।
कंपनी का परिचालन मार्जिन जहां तिमाही आधार पर 42 आधार अंक तक घटा है, वहीं सालाना आधार पर यह पहली तिमाही में 12.4 प्रतिशत पर बना रहा। इसके अलावा वित्त वर्ष 2019 के 10.8 प्रतिशत के मुकाबले परिचालन मार्जिन में बड़ा सुधार आया है। विश्लेषकों को पूरे वित्त वर्ष 2021 में सीमेंस द्वारा 11.6-12.2 प्रतिशत परिचालन मार्जिन दर्ज किए जाने की संभावना है।