इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि जनवरी 2024 में भारत सरकार AI के इस्तेमाल की खातिर काफी ज्यादा कंप्यूट कैपेसिटी सृजित करेगी और यह स्टार्टअप व शोधकर्ताओं के लिए होगा।
कुछ क्षमता सार्वजनिक क्षेत्र में सृजित की जाएगी जबकि कुछ निजी क्षेत्र के साथ सहयोग के जरिये। कंप्यूट कैपिसिटी का मतलब सर्वर और स्टोरेज वाले संसाधनों से है, जो डेटाबेस को उपलब्ध हों।
चंद्रशेखर ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जीपीAI) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य AI कंप्यूट कैपेसिटी के लिए ढांचा सृजित करने का है। हमारी नजर में यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा और विविध डेटा वाला होगा, जो हमारे शोधकर्ताओं व स्टार्टअप इकोसिस्टम को उपलब्ध होगा।
उनका मानना है कि देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम व कंपनियां AI पर काम कर रहे हैं, लेकिन एकमात्र पहलू उच्च कंप्यूट कैपेसिटी तक पहुंच न होना उन्हें सीमित कर रहा है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपने डेटासेट्स की पहुंच उन मॉडलों तक ही सीमित करेगा, जो भरोसेमंद हैं।
उन्होंने कहा, नीतिगत ढांचे और कानूनी ढांचे से भारतीय डेटा तक पहुंच पर पाबंदी लग जाएगी। सिर्फ भरोसेमंद व सुरक्षित मॉडलों के जरिये ही डेटा तक पहुंचा जा सकेगा। पिछले चार पांच वर्षों में हमने देखा है कि लोकतांत्रिक देशों में डेटा तक अप्रतिबंधित पहुंच का कुछ निश्चित देशों ने दुरुपयोग किया है। हम इस पर विराम लगा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगले छह से नौ महीने में एकसमान नजरिया रखने वाले देशों के साथ AI के लिए नियम बनाने की खातिर आधारभूत सिद्धांतों पर समझौता होगा।