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लागत घटी तो कीमत नहीं बढ़ाएंगी कंपनियां

Last Updated- December 11, 2022 | 5:11 PM IST

दिन-ब-दिन बढ़ते दामों से राहत की उम्मीद लगाए भारतीय उपभोक्ताओं को त्योहारों से ठीक पहले खुशी मिल सकती है। वाहन कंपनियों समेत कुछ उपभोक्ता कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे कच्चे माल की कीमतों में घट-बढ़ पर कड़ी नजर रखे हैं और अगस्त में मांग बढ़ने से ठीक पहले कीमतों में बढ़ोतरी रोक सकती हैं।
उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों ने पिछले एक साल में कीमतों में भारी बढ़ोतरी की है और उसे सही भी ठहराया है। उनका कहना है कि जिंसों की कीमतों में हुए इजाफे की तुलना में उन्होंने कम कीमत बढ़ाई हैं। उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली वैश्विक कंपनी यूनिलीवर पीएलसी की सहायक हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी संजीव मेहता ने कहा, ‘जून तिमाही में हमारे लिए जिंसों के दाम मोटे तौर पर 20 फीसदी बढ़े मगर हमने कीमतों में 12 फीसदी बढ़ोतरी ही की। कुछ श्रेणियों में महंगाई का दबाव और भी ज्यादा है।’
गैर-सूचीबद्ध कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स ने कीमतों पर कोई और फैसला लेने से पहले एक महीने इंतजार करने की योजना बनाई है। पारले प्रॉडक्ट्स के श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जिंसों के भाव लगातार नरम रहे तो हम बड़े पैक पर छूट और छोटे पैक पर प्रमोशन ऑफर देंगे।’ लेकिन शाह ने चेताया कि पिछले सप्ताह से गेहूं के दाम फिर बढ़ने लगे हैं, इसलिए कंपनी छूट या प्रमोशन की कीमत पर फैसला करने से पहले इंतजार करेगी।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अक्टूबर तक महंगाई में नरमी आने के आसार हैं क्योंकि मॉनसून की प्रगति अच्छी रही है और अमेरिका तथा यूरो क्षेत्र में मंदी के जोखिम बढ़ने से वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम नरम हुए हैं। देश में 12 जुलाई तक कुल बारिश लंबी अवधि के औसत से 9 फीसदी अधिक रही है। अगर यह रुझान जारी रहा तो उन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर होगी, जो या तो सस्ते उत्पाद खरीदने लगे हैं या अपनी खरीद टाल रहे हैं।
अमेरिका की दिग्गज खाद्य कंपनी मैकडॉनल्ड्स के दक्षिण या पश्चिम भारत के आउटलेट चलाने वाली वेस्टलाइफ डेवलपमेंट ने कहा है कि उसने जून  तिमाही में कीमतें 5 फीसदी बढ़ाई हैं।
उपभोक्ता उत्पाद कारोबार में नई कंपनी आईटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा कि जिंसों की कीमतें कुछ नरम हुई हैं, लेकिन भविष्य के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि इसमें कई कारक शामिल हैं। पुरी ने कहा, ‘इस समय नजर आ रहे संकेतों के हिसाब से महंगाई में कुछ नरमी आएगी। लेकिन यह पिछले कुछ समय के मुकाबले ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी।’
दोपहिया समेत वाहन कंपनियों के विनिर्माताओं ने संकेत दिया है कि इस्पात समेत कच्चे माल की लागत कम होने लगी है, इसलिए उन्हें त्योहारी सीजन में शायद कीमतें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि कंपनियां सतर्कता के साथ आगे बढ़ रही हैं और आगामी तिमाहियों के लिए कुछ कहने से बच रही हैं। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी अजय सेठ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में जिंसों की कीमतें कम होंगी। स्थितियां बदलती रहती हैं, इसलिए कुछ ठोस कहना मुश्किल है।’अन्य कंपनियों भी ऐसा ही रुझान दिखा रही हैं। बजाज ऑटो ने कहा कि उसने कीमतें बढ़ाकर कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी की दो-तिहाई भरपाई कर ली है। अब जिंसों के दाम नरम होने लगे हैं, इसलिए वह आगे कीमतें और बढ़ाने से बचेगी। टीवीएस मोटर ने कहा कि जिंसों की कीमतों में बढ़ोतरी का पहली तिमाही में कुल लागत पर दो फीसदी असर पड़ा और कंपनी ने उत्पादों के दाम 1.5 फीसदी बढ़ाए।

First Published - August 1, 2022 | 12:01 AM IST

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