दूरसंचार विभाग सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की विवादित 4जी निविदा के लिए दो सप्ताह के भीतर तकनीकी विशेषताओं की सिफारिश करने के लिए विभाग में सदस्य (प्रौद्योगिकी) की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित कर रहा है। इस संबंध में विभाग की ओर से आदेश सोमवार को पारित किया गया।
इससे पहले बीएसएनएल ने अपनी पिछली निविदा को रद्द कर दिया था। घरेलू दूरसंचार कंपनियों ने सरकार से शिकायत की थी कि निविदा शर्तों को इस तरीके से तैयार किया गया है जिससे उन्हें पूरी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए और केवल वैश्विक दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं को ही उसका फायदा मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सार्वजनिक खरीद मानदंड (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) आदेश 2017 को पूरा नहीं करता है जबकि यह बीएसएनएल के मामले में लागू होता है।
तकनीकी समिति को निविदा शर्तों के अलावा उन प्रमुख घरेलू नेटवर्क उपकरणों की सिफारिश करने के लिए भी कहा गया है जिन्हें बीएसएनएल के नेटवर्क पर तैनात किया जा सकता है। दूसरा, समिति बीएसएनएल के 2जी और 3जी नेटवर्क को 4जी नेटवर्क में प्रस्तावित उन्नयन के हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर पहलुओं पर भी विचार करेगी। तीसरा, समिति को बीएसएनएल द्वारा तैयार निविदा की तकनीकी विशेषताओं में अपेक्षित संशोधन की सिफारिश करने के लिए भी कहा गया है ताकि उन्हें 4जी जरूरतों के अनुकूल बनाया जा सके।
इस समिति में दूरसंचार विभाग से तीन सदस्यों के अलावा आईआईटी चेन्नई और कानपुर के निदेशकों, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के प्रतिनिधि और बीएसएनएल एवं एमटीएनएल से एक-एक निदेश को शामिल किया गया है।
